सहरसा नगर परिषद को खाली करनी होगी रेलवे की जमीन, हटेगा बस स्टेशन
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सहरसा नगर परिषद को खाली करनी होगी रेलवे की जमीन, हटेगा बस स्टेशन

 नोटिस में यह बताया गया है कि जहां नगर परिषद बस स्टैंड संचालित कर रहा है वह रेलवे की जमीन है. नगर परिषद सहरसा पर रेलवे की जमीन कब्जाने का आरोप है.

सहरसा नगर परिषद को खाली करनी होगी रेलवे की जमीन, हटेगा बस स्टेशन

पटनाः सहरसा में रेलवे स्टेशन की जमीन पर बने बस स्टैंड को जल्दी ही शिफ्ट कर दिया जाएगा. ये काम एक हफ्ते के ही अंदर होना है. नगर परिषद का बनाया ये बस स्टैंड शहर के गंगजला चौक के पास स्थित है. रेलवे के सहायक मंडल इंजीनियर ने नगर परिषद को रेलवे की जमीन से बस स्टैंड खाली करने के बाबत नोटिस भेजा है. इस मामले में हाईकोर्ट और जिला कोर्ट से भी फैसला आ चुका है. इसी का हवाला देते हुए रेलवे ने ये नोटिस भेजा है.  

1999 में रेलवे ने जीता था केस
जानकारी के मुताबिक, नोटिस में यह बताया गया है कि जहां नगर परिषद बस स्टैंड संचालित कर रहा है वह रेलवे की जमीन है. नगर परिषद सहरसा पर रेलवे की जमीन कब्जाने का आरोप है. इस सबंध में रेल प्रशासन 1999 में ही जिला कोर्ट से केस जीत चुका था. इसके बाद मामला हाई कोर्ट गया तो दो दिसंबर 2021 को यहां से भी फैसला रेलवे के पक्ष में हुआ था. 

हाईकोर्ट से भी पक्ष में आया फैसला
सहायक मंडल इंजीनियर ने नगर परिषद के अध्यक्ष के नाम नोटिस से संबंधित पत्र भेजने के बाद इसकी प्रतिलिपि समस्तीपुर मंडल के सीनियर डीईएन कॉ-ऑर्डिनेशन, डीएम सहरसा और सदर एसडीओ को देते हुए सूचित किया है. बता दें कि पिछले माह दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में हाईकोर्ट पटना की सिंगल बैंच ने निचले कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए नगर परिषद को रेलवे की जमीन को खाली करने का आदेश दिया था.

रेलवे जल्द वापस लेगी अपनी जमीन
रेलवे की तरफ से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. आनंद कुमार ने बताया था कि उच्च न्यायालय के जस्टिस ने रेलवे के पक्ष में निचले अदालत के द्वारा दिए गए फैसले को बरकरार रखा. नगर परिषद द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया गया. अपील खारिज होने के बाद रेलवे नगर परिषद से जल्द अपनी जमीन कब्जे में लेगी. 

नगर परिषद का बस स्टैंड है अवैध
वरीय अधिकारियों के निर्देश पर रेलवे की जमीन में संचालित बस स्टैंड को हटाकर जमीन खाली कराने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. रेलवे की तरफ से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. आनंद कुमार का कहना है कि नगर परिषद अवैध रूप से सहरसा शहर में रेलवे की जमीन पर कब्जा कर बस स्टैंड और दुकानें संचालित कर रही है.

 

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