Education in Bihar: बिहार के परंपरागत विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और परीक्षा सत्र की देरी अब शिक्षा विभाग की साख का सवाल बन गई है. शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों,परीक्षा नियंत्रक को बुलाकर एक बैठक की. शिक्षा मंत्री विजय कुमारी चौधरी ने निर्देश दिए कि,इस साल के आखिर तक सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट की लंबित परीक्षा करा ली जाएं.
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पटनाः Education in Bihar:बिहार के परंपरागत विश्वविदयालयों में परीक्षा और शैक्षणिक सत्र की देरी अब शिक्षा विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. लाखों की संख्या में स्नातक कर रहे युवा सेशन में देरी होने से परेशान हैं. हालांकि शिक्षा विभाग ने परीक्षा और शैक्षणिक दोनों सत्रों को दुरूस्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं.लेकिन बिहार के सरकारी विश्वविद्यालयों में सेशन जितनी देरी से चल रहे हैं उसे देखकर ऐसा नहीं लगता है कि ये काम इतना आसान है.
बिहार के विश्वविद्यालयों में देरी से चल रहे हैं सत्र
बिहार के परंपरागत विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और परीक्षा सत्र की देरी अब शिक्षा विभाग की साख का सवाल बन गई है. शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों,परीक्षा नियंत्रक को बुलाकर एक बैठक की. शिक्षा मंत्री विजय कुमारी चौधरी ने निर्देश दिए कि,इस साल के आखिर तक सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट की लंबित परीक्षा करा ली जाएं. हालांकि इन निर्देशों को जमीन पर उतारना काफी मुश्किल है, क्योंकि बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र इतनी देरी से चल रहे हैं कि इन्हें पटरी पर लाने के लिए कम से कम एक साल का वक्त चाहिए.
सेशन को नियमित करना बड़ी चुनौती
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर केसी सिन्हा मानते हैं कि कोरोना की वजह से सेशन देरी से चल रहे हैं और इसे पुराने शेड्यूल पर लाना अभी मुश्किल है. वहीं पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मनोज कुमार ने सेशन में देरी की वजह कोरोना को बताया है. प्रॉक्टर मनोज कुमार ने कहा है कि, यूनिवर्सिटी में सेशन को नियमित करना बड़ी चुनौती है. दरअसल बिहार की यूनिवर्सिटी में सेशन देरी की समस्या कोई नई नहीं है. कई बार कुलाधिपति यानि राज्यपाल और शिक्षा विभाग ने इसके लिए बैठक की. जरूरी निर्देश दिए गए लेकिन इन निर्देशों का कोई मान नहीं रखा गया. परीक्षा और शैक्षणिक सत्र के मामले में बिहार के सरकारी और परंपरागत विश्वविद्यालयों की क्या है स्थिति, डालते हैं एक नजर.
विश्वविद्यालय का नाम------यूजी सेशन की स्थिति
पटना विश्वविद्यालय - 2018-21 सेशन सही समय पर, 2019-22 की परीक्षा जुलाई में होगी, 2022 से नियमित होने का दावा
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय - 2018-21 सेशन नियमित है, 2019-22 का परिणाम आना बाकी
मगध विश्वविद्याल,गया - 2018-21 और 2019-22 की परीक्षा नहीं ली गई है
कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,आरा - 2017-20 के थर्ड ईयर की परीक्षा जुलाई में होगी,2018-21 के दूसरे सत्र की परीक्षा भी जुलाई में होगी
बीएन मंडल विवि,मधेपुरा - 2019-22 के थर्ड ईयर की परीक्षा सितंबर से अक्टूबर के बीच में होगी
मुंगेर विवि,मुंगेर - 2019-22 की परीक्षा अगस्त से संभव
जयप्रकाश विवि,छपरा - 2018-21 सत्र का फॉर्म भरा जा रहा है
बीआरए बिहार विवि,मुजफ्फरपुर- 2018-21 के थर्ड ईयर की परीक्षा नवंबर 2022 में होगी
अब ये भी जान लीजिए कि, पोस्टग्रेजुएट के मामले में बिहार के विवि की क्या स्थिति है
विश्वविद्यालय के नाम-----------------परीक्षा सत्र की स्थिति
पटना विवि-------------------------------2019-21 सत्र नियमित,2020-22 की परीक्षा दिसंबर में हो जाएगी
पाटलिपुत्र विश्वविद्याल,पटना-------------2018-20 के अंतिम वर्ष के परिणाम आना बाकी
वीर कुंवर सिंह विवि,आरा---------------2018-20 के अंतिम साल का परिणाम आना बाकी
बीएन मंडल,विवि,मधेपुरा---------------2020-22 सत्र के अंतिम वर्ष का परिणाम जनवरी फरवरी में आएगा
मुंगेर विश्वविद्यालय,मुंगेर---------2018-20 सत्र के परिणाम आना बाकी
उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक प्रोफेसर रेखा कुमारी भी मानती हैं कि सेशन देरी होने से आखिरकार नुकसान छात्रों का है.लेकिन उन्होंने भरोसा जताया है कि, अगले साल जून तक सब ठीक हो जाएगा.क्योंकि अब यूनिवर्सिटी की प्राथमिकता में परीक्षा है. यूनिवर्सिटी का काम सिर्फ डिग्री बांटना ही नहीं होता है बल्कि उसका काम समय के साथ रिजल्ट और परीक्षा भी लेना होता है.दुर्भाग्य से बिहार के विश्वविद्यालयों को सेशन लेट होने का जो रोग लगा है उसे ठीक करना इतना आसान नहीं दिख रहा है.
रिपोर्टः प्रीतम कुमार
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