बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को लेकर कहा है कि सरकार को पहले ही तैयार होना चाहिए था.
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नई दिल्लीः बिहार में एईएस से हो रही बच्चों की मौत पर नीतीश कुमार को विपक्ष घेर रही है. वहीं, बीजेपी नेता भी अब नीतीश सरकार पर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को लेकर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने कहा है कि सरकार को पहले ही तैयार होना चाहिए था.
राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार की टीम बिहार में भयावह स्थिति चिंता जता रही है. वहीं, बीमारी को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. साथ ही बीमारी की जांच के लिए एक साल का समय मांगा जा रहा है. बीजेपी के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बीमारी पर रिसर्च के लिए एक साल का टाइम लाइन दिया है.
वहीं, बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से हुई मौत को लेकर बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार प्रकोप के समय ही सक्रिय मोड में आती है. लेकिन सरकार को इसे रोकने के लिए पहले ही सक्रिय होना चाहिेए था.
He also states that the govt should take this seriously and focus on research so that such diseases don't affect people in future. He states that a high level investigation should be done if it happened due to consumption of Litchis. https://t.co/09WNmUod1s
— ANI (@ANI) June 17, 2019
सीपी ठाकुर ने यह भी कहा कि सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और बीमारी को लेकर रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जिससे की भविष्य में ऐसी बीमारियां लोगों को प्रभावित नहीं कर सके.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार को पता थी कि लीची के सेवन करने से ऐसी बीमारियां होती है तो इसके लिए उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए थी. इसका पता पहले ही लगाना चाहिए था.
आपको बता दें कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से बिहार में 126 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है. वहीं, केवल मुजफ्फरपुर में 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है.