बच्चों की जान की नहीं है फीकर! School बुलाकर हो रहे Exam
Advertisement

बच्चों की जान की नहीं है फीकर! School बुलाकर हो रहे Exam

Bokaro Samachar: बच्चों की जान जोखिम में डालकर स्कूल बुलाकर प्रैक्टिकल एग्जाम लिया जा रहा है. 

 

बच्चों की जान की नहीं है फीकर! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Bokaro: एक तरफ कोरोना (Corona) को देखते हुए पूरे झारखंड में गाइडलाइन का पालन कराने को लेकर सरकार कटिबद्ध है वहीं, अगर निजी स्कूल की बात करें तो खुलेआम गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है. साथ हीं, रविवार को भी प्राइवेट स्कूल अवकाश नहीं दे रहे हैं और बच्चों की जान जोखिम में डालकर स्कूल बुलाकर प्रैक्टिकल एग्जाम लिया जा रहा है. 

ये भी पढ़ेंः Corona के बीच छात्रों को राहत, 10वीं और 12वीं की परीक्षा को JAC ने किया स्थगित

यह मामला बोकारो के सेक्टर-4 में स्थित डीएवी स्कूल का है. यहां सरकार और जिला प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है. वहीं, जब मजिस्ट्रेट वहां पहुंचते हैं तो उनको भी गेट के बाहर आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. तब जाकर जांच को लेकर स्कूल में प्रवेश करवाया जाता है.इस दौरान स्कूल के गेट पर ना तो सैनिटाइजर की व्यवस्था है और ना ही थर्मोस्कैन कि अब आप सोच सकते हैं की कैसे प्राइवेट स्कूल अपने मनमानी पर उतर आए हैं. 

वहीं, करीब 4 घंटे से इंतजार कर रहे अभिभावकों का भी हौसला जवाब दे जाता है और गुस्सा देखने को मिलता है. साथ हीं, छात्र-छात्राएं बताते हैं कि कोरोना को देखते हुए घर से आने का मन तो नहीं करता लेकिन फिर भी आना पड़ता है. लेकिन क्या करें एग्जाम देने के लिए आना पड़ता है. 

वहीं, अभिभावक का कहना है कि कोरोना के चलते पूरे राज्य और देश में स्थिति गंभीर बनी हुई है लेकिन स्कूल प्रबंधन जान को जोखिम में डालकर बच्चों को प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए स्कूल बुला रहे हैं. इधर, उनका कहना है कि

स्कूल की मनमानी को लेकर सरकार को कड़ा रुख लेना चाहिए.  साथ हीं, मौके पर पहुंचे मजिस्ट्रेट का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. 

ये भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना की रफ्तार पर बेक्र! Airport पर RT-PCR रिपोर्ट जरूरी

बता दें कि झारखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोजाना तकरीबन तीन हजार मामले सामने आ रहे हैं जबकि 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.

(इनपुट-मृत्युंजय मिश्रा)