Lakhisarai Firing Case: 20 नवंबर को कबैया थाना क्षेत्र में एक हीं परिवार के छह लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. परिवार के तीन अन्य सदस्य अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
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Lakhisarai Firing Case: लखीसराय नरसंहार मामले में 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस न तो अभी तक मुख्य आरोपी आशीष चौधरी को गिरफ्तार कर पाई है और न उसे संरक्षण देने वाले जेडीयू नेता अरविंद पासवान पर कोई कार्रवाई कर सकी है. इस मामले में सियासत चरम पर है. बीजेपी एक तरफ जहां सरकार और पुलिस पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगा रही है. वहीं जदयू ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कह रहा है कि सरकार न दोषी को बचाती नहीं है और ना ही किसी निर्दोष को फंसाती है.
बता दें कि बीते 20 नवंबर को कबैया थाना क्षेत्र में एक हीं परिवार के छह लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. परिवार के तीन अन्य सदस्य अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. स्थानीय जेडीयू नेता अरविंद पासवान पर मुख्य आरोपी आशीष चौधरी को बचाने के आरोप लग रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर है. बीजेपी ने दोषी की गिरफ्तारी, पीड़ित परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है. इसके लिए बीजेपी नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
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नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकार और स्थानीय पुलिस पर अपराधियों को संरक्षित करने एवं जेडीयू नेता सह नगर सभापति अरविंद पासवान को बचाने का आरोप लगाया है. जिसके बाद जदयू ने भी नेता प्रतिपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. वहीं पीड़ित परिजन की आंखें न्याय की आस में पथरा गई हैं. परिजन लगातार मुख्य आरोपी आशीष चौधरी एवं उसे घटना के बाद मौके से भगाने वाले जेडीयू नेता सह लखीसराय नगर परिषद सभापति अरविंद पासवान की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट- राज किशोर मधुकर