पटना पुलिस की तरफ से इस मामले में साल 2006 से 2020 तक दुबई में काम करने वाले एक आरोपी मारगूव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को फुलवारी शरीफ इलाके से ही गिरफ्तार किया गया था. वह मूलरूप से गया जिले का रहनेवाला है जिसके परिवार के कुछ लोग सीमा पार पाकिस्तान के शहर कराची में रहते हैं.
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पटना : फुलवारी शरीफ आतंकी माड्यूल का मामला हाथ में आने के बाद से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सक्रिय तौर पर इसकी छानबीन में जुट गई है. हफ्ते भर के भीतर ही NIA ने PFI और SDPI से जुड़े संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. NIA की तरफ से गुरुवार को केस से जुड़े नामजद आरोपियों के आवास और व्यावसायिक ठिकानों पर जांच के बाद अब वह'गजवा-ए-हिंद' की साजिश रचने वाले आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है.
फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार आतंकी पाकिस्तान के था संपर्क में
बता दें कि पटना पुलिस की तरफ से इस मामले में साल 2006 से 2020 तक दुबई में काम करने वाले एक आरोपी मारगूव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को फुलवारी शरीफ इलाके से ही गिरफ्तार किया गया था. वह मूलरूप से गया जिले का रहनेवाला है जिसके परिवार के कुछ लोग सीमा पार पाकिस्तान के शहर कराची में रहते हैं. 2016 से यह दानिश अपने परिवार के लोगों से व्हाट्सएप, ई-मेल और फेसबुक के माध्यम से में हैं. पटना एसएसपी की मानें तो वह ताहिर-तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान से फैजान नाम का एक व्यक्ति लगातार उसके साथ संपर्क में है.
मामला अंतरराष्ट्रीय था इसलिए पटना पुलिस के थे हाथ बंधे
यह मामला अंतरराष्ट्रीय था इसलिए पटना पुलिस के हाथ बंधे थे और वह इस मामले में कुछ खास कर नहीं पा रही थी. पटना पुलिस के द्वारा गिरफ्तार मारगूव अहमद दानिश उर्फ ताहिर के बारे में यह खुलासा हुआ है कि वह दो संदिग्ध व्हाट्सअप ग्रुप'गजवा-ए-हिंद ' और 'मारखर'से जुड़ा हुआ था. जिसका एडमिन कोई पाकिस्तानी व्यक्ति है. इस व्हाट्सअप ग्रुप में भारत के कई राज्यों के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, यमन व खाड़ी देशों के लोग भी जुड़े हुए थे. अब NIA इस व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े देश के सभी राज्यों के लोगों को भी पकड़ कर उनसे पूछताछ कर सकती है. इससे देश के खिलाफ हो रही साजिश का खुलासा किया जा सकता है.
दोनों व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से धर्म विशेष के युवाओं को जेहाद के लिए जा रहा था उकसाया
सूत्रों से मिल रही खबर की मानें तो बिहार में NIA की तरफ से की गई छापेमारी में कई डिजिटल उपकरण जब्त किये गये हैं, जिनमें देश विरोधी गतिविधियां पाई गई हैं. NIA इसके माध्यम से 'गजवा-ए-हिंद' नेटवर्क तक पहुंचने और देश विरोधी ताकतों की पहचान करने में जुट सकती है. मालूम हो कि दोनों व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से देश के खिलाफ जहर उगलना व आंतक फैलाने का खाका तैयार किया जाता था. इसके माध्यम से कश्मीर को देश से अलग करने की साजिश भी रची गयी थी. ग्रुप के माध्यम से धर्म विशेष के युवाओं को जेहाद के लिए उकसाया जा रहा था.
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