बिहार में रोजगार होता तो कमाने को कश्मीर नहीं जाना पड़ता, सरकार पर भड़के घायल मजदूरों के परिजन
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बिहार में रोजगार होता तो कमाने को कश्मीर नहीं जाना पड़ता, सरकार पर भड़के घायल मजदूरों के परिजन

कश्मीर में एक बार फिर से आतंकियों ने बिहार के मजदूरों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया है. कायर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपिया में सुपौल के तीन मजदूर को गोली मार दी. बता दें कि बिहार के ये तीनों मजदूर वहां जिंदगी और मौत के बीच झुल रहे हैं.

(फाइल फोटो)

पटना: कश्मीर में एक बार फिर से आतंकियों ने बिहार के मजदूरों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया है. कायर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपिया में सुपौल के तीन मजदूर को गोली मार दी. बता दें कि बिहार के ये तीनों मजदूर वहां जिंदगी और मौत के बीच झुल रहे हैं. मजदूर के परिजनों का यहां घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं मजदूरों के परिजन बिहार सरकार पर इस घटना के बाद सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं अगर बिहार में रोजगार होता तो इनलोगों को कमाने कश्मीर नहीं जाना पड़ता. 

कश्मीर के शोपिया में आतंकियों के कायराना हरकत की वजह से सुपौल के तीन मजदूर गोली लगने से घायल हो गए हैं. जिसकी वजह से उनके परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है. घायल मजदूरों में पिंटु कुमार, विनोद ठाकुर और अनमोल कुमार का कश्मीर के अस्पताल में ईलाज चल रहा है. इसके अलावा घायल मजदूरों में सहरसा जिले के काशिमपुर का रहने वाला हीरा लाल यादव भी शामिल है.

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इधर परिजनों को कोई सूचना नहीं मिलने के कारण वो डरे सहमे हैं. जदिया के रहने वाले घायल पिंटू के परिजन बताते हैं कि गुरुवार सुबह पिंटू से उनकी बात हुई थी उस वक्त वो पुरी तरह से ठीक था लेकिन रात में अचानक कश्मीर से फोन आया कि आतंकियों ने तीन लोगो को गोली मार दी. पिंटू के परिजन बताते हैं कि बिहार में कोई रोजगार होता तो आज उनका भाई कश्मीर गोली खाने नहीं जाता.

यही हाल त्रिवेणीगंज के लहर्निया के रहने वाले हीरा लाल यादव और अनमोल कुमार के परिवार का है. ये तीनों एक दुसरे के रिश्तेदार हैं. जो घर की माली हालत खराब रहने के कारण कश्मीर में राज मिस्त्री का काम करते हैं. पिंटू पहली बार अपने रिश्तेदारों के साथ कश्मीर कमाने गया लेकिन इस घटना ने उसके पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है. पिटू की मां ने खाना-पीना त्याग दिया है ओर रो-रोकर उनका बुरा हाल है. जब से उसकी मां को घटना के विषय में जानकारी मिली उसने अन्न जल त्याग कर दिया है और केवल अपने बेटे पिंटू को खोज रही है. इधर परिजन कश्मीर में संपर्क नहीं होने से काफी परेशान है और वह सरकार से अपील कर रहे हैं कि इन मजदूरों का वहां बेहतर तरीके से इलाज कराया जाए.
MOHAN PRAKASH SUPAUL

 

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