मैथिल नव विवाहित जोड़ियों के लिए खास है मधुश्रावणी पर्व, 31 जुलाई को होगा समापन
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मैथिल नव विवाहित जोड़ियों के लिए खास है मधुश्रावणी पर्व, 31 जुलाई को होगा समापन

Madhushravani: सावन आते ही मिथिलांचल में पर्व त्योहारों को लेकर उमंग छा जाता है. ऐसे में ही मिथिलांचल का एक महत्वपूर्ण है मधुश्रावणी. ये पर्व नवविवाहिताएं मनाती है. इस त्यौहार को नवविवाहिता काफी आस्था और उल्लास के साथ मनाती है.

मैथिल नव विवाहित जोड़ियों के लिए खास है मधुश्रावणी पर्व, 31 जुलाई को होगा समापन

मधुबनी:Madhushravani: सावन आते ही मिथिलांचल में पर्व त्योहारों को लेकर उमंग छा जाता है. ऐसे में ही मिथिलांचल का एक महत्वपूर्ण है मधुश्रावणी. ये पर्व नवविवाहिताएं मनाती है. इस त्यौहार को नवविवाहिता काफी आस्था और उल्लास के साथ मनाती है. दो सप्ताह तक चलने वाले मधुश्रावणी पर्व की शुरुआत नाग पंचमी के दिन से हो जाता है और 31 जुलाई को पर्व का समापन होगा. वैदिक काल से ही मिथिलांचल में ऐसी मान्यता है की पवित्र सावन माह में निष्ठापूर्वक नाग देवता की आराधना करने से दाम्पत्य जीवन की आयु लम्बी होती है.

पंद्रह दिनों तक चलता है मधुश्रावणी 
मिथिला की नवविवाहिताएं सदियों से अपने अखंड सौभाग्य एवं पति के दीर्घायु जीवन की कामना को लेकर श्रावण कृष्ण पंचमी से लेकर कृष्ण तृतीया तक पूरी आस्था के साथ मधुश्रावणी में पूजा करती है. यह पर्व पंद्रह दिनों तक चलता है. इस पूजा में नवविवाहिताएं भगवान शंकर - गौरी ,नाग -नागिन और इष्ट देवताओं की पूजा अर्चना और गायन करती हैं. इस पर्व को नव -विवाहिता की जीवन साधना का महापर्व कहा जाता है. इस त्यौहार को मनाने के पीछे मान्यता हैं की दम्पत्ति हमेशा युवा बने रहें. इन्ही पौराणिक कथाओं को अनुश्रवण करते हुए आज भी मिथिलांचल में मधुश्रावणी पर्व मनाया जाता है.

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जलती टेमी से दागने का रिवाज
मिथिलांचल से दूर रहने वाले लोग भले ही इस पर्व को अंधविश्वास के साथ जोड़ते हो, लेकिन मिथिलांचलवासी आज भी इसे आस्था के साथ जोड़कर ही देखते है. वहां के लोग बड़ी ही शिद्दत के साथ इस त्यौहार को मनाते है. मधुश्रावणी पूजा को लेकर ऐसी मान्यता है कि नवविवाहिता व्रती को महिला इस पूजा के दौरान जलती टेमी से दागना जरूरी होता है. महिला को जलती टेमी से दागने को लेकर ऐसी मान्यता है कि दागने के बाद पैरों और घुटने पर जो फफोले आते हैं वो पति और पत्नी के बीच के प्रेम को दर्शाते हैं. माना जाता है कि जिसके फफोले का आकार जितना बड़ा होगा. पति पत्नी के बीच उतना ही ज्यादा प्रेम होगा. 

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