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धनबाद : धनबाद जिला कांग्रेस पार्टी का हमेशा विवादों से नाता रहा है. आज तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हद कर दी. पिछले दो महीने से धरने पर बैठी पीड़िता ज्योति दत्ता का बैनर कांग्रेसियों ने फाड़ कर सड़कों पर फेंक दिया. जिसके बाद हाई वॉल्टेज ड्रामा शुरू हो गया.
इस दौरान पीड़िता ने घंटों रणधीर वर्मा चौक पर अपना बैनर लगवाने के लिए गुहार लगाई. जब उसका बैनर नहीं लगा तो युवती बीच सड़क पर गाड़ी के नीचे लेट गई जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने युवती को सड़क से हटाने के लिए धक्का-मुक्की की जिसमें युवती बेहोश हो गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची धनबाद पुलिस ने एंबुलेन्स के माध्यम से युवती को इलाज के लिए अस्पताल भेजने की तैयारी शुरू कर दी.
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं पर महिला ने लगाया बैनर फाड़ने का इल्जाम
वहीं इस पूरे मामले पर पीड़िता ज्योति दत्ता ने मीडिया को बताया कि वो अपने पिता और पति के खिलाफ न्याय की आस में पिछले दो महीने से रणधीर वर्मा चौक पर धरने पर बैठी हैं. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी का धरना-प्रदर्शन था. उस दौरान कांग्रेस पार्टी के लोगों ने मेरा बैनर फाड़ कर फेंक दिया. क्या इस लोकतंत्र संविधान में न्याय मांगना गुनाह है? उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के लोगों ने मेरा बैनर फाड़ कर मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया है.
कांग्रेस के नेता बोले नहीं फाड़ा गया कोई बैनर
वहीं धरना दे रहे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र प्रसाद सिंह ने मीडिया को कहा कि कोई बैनर नही फाड़ा गया. यह युवती मीडिया में हाई लाइट होने के लिए ड्रामा कर रही है. कांग्रेस पार्टी अपनी मांगों को लेकर बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठी थी, किसी भी कोई तरह का बैनर नहीं फाड़ा गया है. यह झूठा आरोप है. जब की कुछ महीनों में मैंने इस मामले को संज्ञान में लेकर अधिकारी को बताया है.
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अब सवाल यह उठता है कि एक ओर जहां सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, वहीं कांग्रेस के लोगों ने धरने पर बैठी बेटी का बैनर फाड़ कर बेइज्जत करने का काम किया ये कहां तक तक उचित है?