Dhanbad Railway Division: रेलवे में इन दिनों लोको पायलट की स्थिति को लेकर खूब चर्चा है. वहीं धनबाद रेल मंडल ने बताया कि लोको पायलट को 8 घंटे की ड्यूटी दी जाती है.
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धनबाद: रेलवे में लोको पायलट की स्थिति को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. इस बीच धनबाद रेल मंडल के रनिंग रूम का मीडिया विजिट कराया गया. इस दौरान बताया गया कि धनबाद मंडल में कुल 24 रनिंग रूम बेहतर सुविधा के साथ संचालित है. जिसमें लोको पायलट 8 घंटे की लगातार ड्यूटी देने के बाद रनिंग रूम में आकर आराम करते है और फिर एक फ्रेस एनर्जी के साथ अगले दिन ड्यूटी के लिए चले जाते है. अधिकारियों ने बताया लोको पायलट रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं.
रनिंग रूम वातानुकूलित होने के साथ - साथ जिम की भी सुविधा दी गई है. साथ ही खाने का भी पूरा पूरा इंतजाम रहता है.पिछले दस वर्षों में लोकोमोटिव पायलटों की कार्य स्थितियों में बड़े सुधार किये गये हैं. जब पायलट अपने मुख्यालय से बाहर होते हैं, तब एक यात्रा पूरी होने पर वे आराम के लिए रनिंग रूम में आते हैं. अधिकारी ने बताया 2014 के बाद से रनिंग रूम में काफी सुधार हुआ है. लगभग सभी (558) रनिंग रूम अब वातानुकूलित हैं. कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. 2014 के बाद से, एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सुधार किया गया है, और 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं.
नये लोकोमोटिव का निर्माण वातानुकूलित कैब के साथ ही किया जाता है. लोको पायलट के ड्यूटी घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. यात्राओं के बाद विश्राम भी बहुत सावधानीपूर्वक प्रदान किया जाता है. ड्यूटी के घंटे निर्धारित समय के भीतर रखे जाते हैं. इस वर्ष जून माह में औसत ड्यूटी घंटे की अवधि 8 घंटे से कम है. केवल आवश्यक स्थिति में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटे से अधिक होती है. पिछले कुछ वर्षों में, बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई और 34,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है. वर्तमान में 18,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया चल रही है.
इनपुट- नितेश मिश्रा