बोकारो में 2023 तक तैयार होगा अंतराष्ट्रीय एथलेटिक्स का मैदान, बनेगा 6 लेन का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक
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बोकारो में 2023 तक तैयार होगा अंतराष्ट्रीय एथलेटिक्स का मैदान, बनेगा 6 लेन का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक

यह स्टेडियम झारखंड के बोकारो के चंदनकियारी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में निर्मित किया जा रहा है. जहां 400 मीटर के रनिंग ट्रेक में सिंथेटिक मेट बिछ चुका है. राजधानी रांची के बाद झारखंड के बोकारो में दूसरा इस तरह का स्टेडियम है.

बोकारो में 2023 तक तैयार होगा अंतराष्ट्रीय एथलेटिक्स का मैदान, बनेगा 6 लेन का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक

Bokaro: झारखंड के बोकारो में अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स का मैदान तैयार हो रहा है. इस स्टेडियम में सिंथेटिक रनिंग ट्रैक देखते ही बनता है. सिक्स लेन का यह रनिंग ट्रैक अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. इस स्टेडियम में अत्याधुनिक जिम जो अंतरराष्ट्रीय लेवल का होगा, बनने की कगार पर है. साथ ही फ्लड लाइट की भी व्यवस्था हो रही है ताकि रात में भी खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सके और यहां खेल प्रतियोगिता का आयोजन हो सके. इस स्टेडियम को करीब 8 करोड़ की लागत तैयार किया जा रहा है. यह स्टेडियम साल 2018 से बन रहा है, जिसे अगले साल 2023 में बनकर तैयार होने की संभावना बनी हुई है. नए साल में खिलाड़ियों को झारखंड सरकार नई सौगात देगी.

6 लेन का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक 
यह स्टेडियम झारखंड के बोकारो के चंदनकियारी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में निर्मित किया जा रहा है. जहां 400 मीटर के रनिंग ट्रेक में सिंथेटिक मेट बिछ चुका है. राजधानी रांची के बाद झारखंड के बोकारो में दूसरा इस तरह का स्टेडियम है. यह स्टेडियम 6 लेन सिंथेटिक रनिंग ट्रैक से बना हुआ है. स्टेडियम खास इसलिए है क्योंकि चंदनकियारी एक सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाका है, जहां पर इस स्टेडियम को तैयार किया गया है. जो ग्रामीण परिवेश के खिलाड़ियों को नई ऊर्जा और नए प्रोत्साहन के साथ इस सिंथेटिक ट्रैक की ओर आकर्षित कर रहा हैं. यहां फुटबॉल खेलने की भी व्यवस्था है. साथ ही हाई जंप, लॉन्ग जंप और वॉलीबॉल जैसे खेलों की भी व्यवस्था इस स्टेडियम में मौजूद है. यहां अंतरराष्ट्रीय लेवल का अत्याधुनिक जिम भी बनने जा रहा है. वहीं, फ्लड लाइट की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि रात में भी खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सके और खेल का आयोजन हो सके. 

प्रैक्टिस के लिए पहुंच रहे खिलाड़ी
प्रैक्टिस के लिए अभी से ही युवा खिलाड़ियों का दूसरे जिलों से यहां पहुंचना शुरू हो गया है. जबकि स्टेडियम का निर्माण अभी अंतिम चरण पर है. यहां पूरे झारखंड से खिलाड़ी पहुंच रहे हैं और उसके लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था स्टेडियम के बराबर में ही की गई है. जहां पर खिलाड़ी बड़े ही आराम से रह रहे हैं. खिलाड़ी सुबह शाम राष्ट्रीय लेवल के कोच की देखरेख में इस रनिंग ट्रैक में दौड़ लगाते हैं. साथ ही हाई जंप, लोंग जंप के भी खिलाड़ी कोच की देखरेख में हिस्सा ले रहे हैं. खिलाड़ियों की मानें तो इस तरह की सुविधा मिलने से भारत को ओलंपिक में मेडल लाने से कोई नहीं रोक सकता है. खिलाड़ी इस स्टेडियम के फैसिलिटी को पाकर काफी खुश हैं. देवघर से आए एक खिलाड़ी ने कहा कि यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्टेडियम में रोज प्रैक्टिस करते हैं.

झारखंड में टैलेंट की कमी नहीं
बोकारो का चंदनकियारी जिले का ऐसा प्रखंड है जहां से तीरंदाज गोल्डी मिश्रा महज हैं. उन्होंने महज 16 साल की उम्र में ही तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराते हुए गोल्ड मेडल पिछले दिनों ही जीता था. गुजरात में खेले गए राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी प्रतियोगिता में झारखंड के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले गोल्डी मिश्रा का यह अपना गांव है. जहां इस तरह का राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनकर तैयार हो रहा है. चंदनकियारी की भाजपा विधायक अमर बावरी जो पूर्व खेल मंत्री भी रह चुके हैं, उनका कहना है कि जब वे खेल मंत्री थे तब उन्होंने इस तरह का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का सोचा था जो ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को खेल में आगे बढ़ाने का काम करें. उन्होंने कहा कि झारखंड में टैलेंट की कमी नहीं है बस उन्हें व्यवस्था मिलनी चाहिए. 

रिपोर्टर-मृत्युंजय मिश्रा

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