धनबाद के ट्रेड फेयर में 3.99 करोड़ की कलाकृति, वुड आर्टिस्ट का कमाल आकर्षण का केंद्र
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धनबाद के ट्रेड फेयर में 3.99 करोड़ की कलाकृति, वुड आर्टिस्ट का कमाल आकर्षण का केंद्र

धनबाद गोल्फ ग्राउंड में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ग्रैंड ट्रेड फेयर में आ रहे लोगों को धनबाद के रहने वाले वुड आर्टिस्ट बीरेंद्र ठाकुर द्वारा निर्मित वुड कोलाज कलाकृति खूब आकर्षित कर रही है.

धनबाद के ट्रेड फेयर में 3.99 करोड़ की कलाकृति, वुड आर्टिस्ट का कमाल आकर्षण का केंद्र

धनबाद : धनबाद गोल्फ ग्राउंड में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ग्रैंड ट्रेड फेयर में आ रहे लोगों को धनबाद के रहने वाले वुड आर्टिस्ट बीरेंद्र ठाकुर द्वारा निर्मित वुड कोलाज कलाकृति खूब आकर्षित कर रही है. इनकी इस कलाकृति की कीमत जानकर आप हैरान हो जायेंगे. 

258 लकड़ी के टुकड़ों से तैयार है ये कलाकृति 
कलाकार बीरेंद्र ठाकुर द्वारा बनाई दांडी मार्च ऑफ महात्मा गांधी की वुड कोलाज कलाकृति की कीमत 3 करोड़  99 लाख है. इसके फ्रेम का वजन 63 किलो है. 11 माह के लगातार मेहनत से इन्होंने इस कलाकृति को तैयार किया है. सागवान की लकड़ी से निर्मित इस कलाकृति में 258 लकड़ी के टुकड़ों से इसे दांडी मार्च का रूप दिया है.इस ट्रेड फेयर में बीरेंद्र ठाकुर द्वारा बनाई गई कई और भी कलाकृतियां बिक्री सह प्रदर्शनी में है जो अपने आप में अद्भुत हैं.

बीसीसीएल सीएमडी एवं एसएसपी ने की कलाकृति की प्रशंसा 
ट्रेड फेयर के उद्घाटन के दौरान बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता एवं धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार इनके स्टाल पर जब पहुंचे तो वे भी इनकी अद्भुत कलाकृति को देख दंग रह गये. बीरेंद्र ठाकुर की इस अद्भुत कलाकारी की खूब प्रशंसा हो रही है. 

बीरेंद्र ठाकुर पद्म श्री अवॉर्ड्स 2023 के लिए भी हुए हैं नॉमिनेट 
बीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि कोलाज भिन्न-भिन्न चीजों को जोड़कर बनाये जाने वाले कृति का नाम है. 20वीं शताब्दी में यह कोलाज बड़े ही नाटकीय ढंग से एक कला का रूप ले चुका है और उस समय के महान कलाकार “जार्जेज ब्रेक” एवं “पैब्लो पिकासो” ने कोलाज के माध्यम से एक अनोखे ढंग से आधुनिक कला की नींव रखी. 1920 में “कर्ट स्वीर्टस” ने लकड़ियों के माध्यम से कोलाज कलाकृति बनाने का प्रयोग किया. 1940 के दशक में “लाउजे नेमिलसन” ने लकड़ी के दुकड़ों, फर्नीचर के टुकड़ों आदि से तथा उन्हें जोड़ते हुए वुड कोलाज आर्ट की कलात्मक रूपरेखा तैयार की. हमने उसी वुड कोलाज को माध्यम बनाकर एक नया प्रयोग करते हुए सागवान लकड़ी के टुकड़ों को आवश्यकतानुसार आकार देते हुए तथा उसमें कला की उत्कृष्टता का रस घोलते हुए लकड़ी के कैनवास पर उन टुकड़ों को जोड़ कर एक आकृति देने का प्रयास किया है जिन्हें विश्वस्तरीय अद्भुत कलाकृति माना जा सकता है. आपको बता दें कि बीरेंद्र ठाकुर पद्म श्री अवॉर्ड्स 2023 के लिए भी नॉमिनेट हुए हैं. 

(Report- NITESH KR. MISHRA)

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