Bihar News: जहानाबाद के हॉस्पिटल मोड़ स्थित उत्क्रमित उर्दू कन्या मध्य विद्यालय में निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक गैर हजारी पाए गए. जहां सात शिक्षकों में से मात्र दो ही शिक्षक उपस्थित पाए गए. ऐसे में बच्चे स्कूल में शोरगुल एवं खेलते नजर आये.
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जहानाबादः Bihar News: बिहार में एक ओर जहां शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक घूम घूमकर सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर सख्ती से कई निर्देश जारी कर रहे है. वहीं दूसरी ओर निरीक्षण के दौरान एक सरकारी स्कूल के कई शिक्षक गैर हजारी पाए गए. मामला जहानाबाद के हॉस्पिटल मोड़ स्थित उत्क्रमित उर्दू कन्या मध्य विद्यालय का है. जहां सात शिक्षकों में से मात्र दो ही शिक्षक उपस्थित पाए गए. ऐसे में बच्चे स्कूल में शोरगुल एवं खेलते नजर आये.
इस संबंध में पूछे जाने पर उपस्थित शिक्षकों ने बताया कि इस विद्यालय में कुल सात शिक्षक है. जिसमें से तीन शिक्षक बीएलओ की मीटिंग में चले गए है और दो शिक्षक छुट्टी पर है. शिक्षिकों ने बताया कि शिक्षक नहीं रहने पर सीनियर क्लास के बच्चों से जूनियर क्लास के बच्चे पढ़ते है. बाकी क्लास के बच्चों को सामूहिक क्लास कर प्रतियोगिता करा देते है.
वहीं विद्यालय के छात्रा ने बताया कि पिछले तीन दिनों से शिक्षक कम आ रहे है. ऐसे में हम लोगों का पठन पाठन बाधित हो रहा है. इधर विद्यालय का औचक निरीक्षण करने एसडीओ अविनाश कुमार पहुंच गए. जहां विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों की उपस्थिति सहित अन्य मामले को लेकर निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीओ ने छात्र-छात्राओं से प्रश्न पूछकर शिक्षा स्तर भी की जांच की.
इस दौरान एसडीओ ने बताया कि विद्यालय का औचक निरीक्षण करने आये थे कि टीचर आ रहे है या नहीं. बच्चों की उपस्थिति है या नहीं. किस स्तर की पढ़ाई हो रही है. इन तमाम चीजों की जांच करने आये थे. वहीं शिक्षकों की गैर हाजरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि तीन टीचर बीएलओ की मीटिंग में गए है. जहां जाकर देखते है कि वहां टीचर पहुंचे है या नहीं.
वहीं विद्यालय के मुख्य द्वार बंद रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बच्चे स्कूल से भाग न जाये इसे लेकर मुख्य द्वार बंद रखा गया है. ऊपर से विद्यालय हाइवे किनारे है, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से अच्छा है. गौरतलब है कि गैर शैक्षणिक कार्यो में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दिए जाने से बच्चे के पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. ऐसे में शिक्षकों की संख्या स्कूल में कम रहने से बच्चे भी पढ़ाई के बदले हंगामा और शोर गुल करते रहते है.
इनपुट- मुकेश कुमार
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