कैमूर में आरओबी की मांग को लेकर छात्र और छात्राओं ने किया प्रदर्शन
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कैमूर में आरओबी की मांग को लेकर छात्र और छात्राओं ने किया प्रदर्शन

समाजसेवी विकास पांडे उर्फ सोनू बताते हैं कि रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर कई रेलवे के वरीय पदाधिकारियों को चार से पांच बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया, लेकिन उस पर किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गई है.

कैमूर में आरओबी की मांग को लेकर छात्र और छात्राओं ने किया प्रदर्शन

कैमूर: कैमूर जिले के करमनासा रेलवे स्टेशन के पास 10 से अधिक गांवों के छात्र और छात्राओं ने ग्रामीणों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किया. इनकी मांग है कि करमनासा रेलवे स्टेशन से सटे पूरब एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करा दिया जाए. जिससे कि इस क्षेत्र से जुड़े 10 से अधिक गांव के लोगों को आने जाने में काफी सहूलियत हो जाए.

ग्रमीणों ने प्रदर्शन कर ओवरब्रिज की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि बिना आरओबी के उन्हें घूम कर लगभग 8 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इसी मुख्य मार्ग से बच्चे विद्यालय पढ़ने जाते हैं और लोग अपनी जरूरी कार्यों के लिए रेलवे लाइन को पार करते हैं, लेकिन रेलवे विभाग द्वारा रेलवे लाइन के दोनों तरफ बैरिकेटिंग किए जाने के बाद रेलवे लाइन पार करना संभव नहीं होगा. जिसको देखते हुए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण का मांग कर रहे हैं. वही धरना प्रदर्शन की सूचना पर दुर्गावती और आरपीएफ की टीम मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद दिखी है. इन पुलिस पदाधिकारियों द्वारा रेलवे विभाग के वरीय पदाधिकारियों को धरना प्रदर्शन के बारे में जानकारी दे दिया गया है.

शिकायत के बाद भी सुध नहीं लेते रेलवे अधिकारी
समाजसेवी विकास पांडे उर्फ सोनू बताते हैं कि रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर कई रेलवे के वरीय पदाधिकारियों को चार से पांच बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया, लेकिन उस पर किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गई है. तब मजबूर होकर आज हम लोग करमनासा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों ग्रामीण के साथ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन दे रहे हैं और तब तक देंगे जब तक रेलवे के कोई अधिकारी हम लोगों की बातों पर आश्वासन नहीं दे देता है. अगर आज के धरना प्रदर्शन से रेलवे के अधिकारी नहीं सजग हुए तो आगे अनिश्चितकालीन धरना के साथ-साथ भूख हड़ताल पर भी जाना हम लोगों का मजबूरी हो जाएगा. इस रास्ते से 10 से अधिक गांव के लोग जुड़े हैं. अगर यह रास्ता बंद हो जाएगा और यहां पर ब्रिज का निर्माण नहीं होगा तो हमारे गांव में एंबुलेंस तक जाना मुश्किल हो जाएगा

इनपुट- मुकुल जायसवाल

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