सीएम नीतीश के गृह जिले के इस स्कूल में 5 सालों में एक भी एडमिशन नहीं, आखिर क्या है वजह?
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सीएम नीतीश के गृह जिले के इस स्कूल में 5 सालों में एक भी एडमिशन नहीं, आखिर क्या है वजह?

Bihar School: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर तमाम वादे करते हैं, इनमें से कईयों को उन्होंने पूरा किया तो कई वादे अधूरे भी हैं.

सीएम नीतीश के गृह जिले के इस स्कूल में 5 सालों में एक भी एडमिशन नहीं, आखिर क्या है वजह?

नालंदा:Bihar School: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर तमाम वादे करते हैं, इनमें से कईयों को उन्होंने पूरा किया तो कई वादे अधूरे भी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सीएम नीतीश के गृह जिले में एक स्कूल ऐसा भी है जहां लोग अपने बच्चे का नामांकन कराने से डरते हैं. नीतीश कुमार के प्रखंड अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय महवाचक में पिछले चार से पांच वर्षों से एक भी बच्चे का नामांकन नहीं हुआ है. जिसको लेकर गांववालों का कहना है कि स्कूल में न तो बेहतर शिक्षा और ना ही बेहतर सुविधा मिल रही है इसलिए बच्चे इस स्कूल जाने से कतराते हैं. सीएम के गृह जिले में का ये स्कूल काफी इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.

बताया जाता है कि इस स्कूल में बच्चों के नामांकन के लिए सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन, साइकिल, स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति सहित तमाम योजनाओं के माध्यम से  जागरूक किया जाता है लेकिन इसके बावजूद एक भी बच्चे ने अपना नामांकन नहीं कराया है.  इस स्कूल का भवन भी काफी जर्जर है. वहीं इस मामले में स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर संजय कुमार का कहना है कि इस गांव में एक ही समाज के लोग हैं.  जो भी यहां बच्चे हैं वो अपने माता पिता के साथ रहते हैं, इनका कहना है कि इस गांव के लोग आय से मजबूत हैं जिसके चलते वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं.

स्कूल के हेडमास्टर ने बताया कि यहां के ज्यादातर लोग अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ना चाहते हैं. प्रभारी हेडमास्टर ने इस बात को माना कि पिछले चार-पांच साल से यहां एक भी बच्चे का नामांकन नहीं हुआ है और अभी इस स्कूल में एक भी बच्चे का नामांकन नहीं है. वहीं इस मामले में ग्रामीण का कहना है कि गांव में बच्चे हैं लेकिन स्कूल में व्यवस्था सही नहीं होने कारण वो यहां पढ़ने नहीं जाते हैं. बच्चों को पढ़ने के लिए यहां बिल्डिंग भी सही ढंग से नहीं बना है. मास्टर साहब को खुद पढ़ना नहीं आता तो वो बच्चों को क्या पढ़ाएंगे.

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