Bihar Health Department: डॉक्टरों पर भरोसा नहीं! बिहार के सरकारी अस्पताल में अब तांत्रिक कर रहे इलाज
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Bihar Health Department: डॉक्टरों पर भरोसा नहीं! बिहार के सरकारी अस्पताल में अब तांत्रिक कर रहे इलाज

Bihar Health System: मधेपुरा सदर अस्पताल से तांत्रिक द्वारा झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र करने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकारी व्यवस्था ठीक ठाक नहीं रहने के कारण यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है, इसलिए मरीज के परिजन झाड़-फूंक का सहारा लेने को मजबूर हैं. 

फाइल फोटो

Bihar Health System: बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा करते हैं, लेकिन उनके इस दावे की पोल मधेपुरा के सरकारी अस्पताल ने खोल दी. मधेपुरा सदर अस्पताल जो तस्वीर निकलकर सामने आई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे मानो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से अब लोगों का विश्वास उठ चुका है और लोग अब तंत्र-मंत्र के भरोसे जिंदगी गुजार रहे हैं. मधेपुरा के सदर अस्पताल के डॉक्टर शायद काबिल नहीं है इसीलिए लोग तांत्रिकों से अपना इलाज करा रहे हैं.

बता दें कि मधेपुरा के सदर अस्पताल का है ये पूरा मामला. जहां एक तांत्रिक द्वारा झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र करने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है. अस्पताल के बेड पर देवन ठाकुर नामक बुजुर्ग व्यक्ति इलाज कराने के लिए पहले से ही भर्ती हैं. तबीयत में सुधार नहीं होते देख उनके परिजनों ने तांत्रिक को बुलाया और तांत्रिक ने अस्पताल में ही मरीज का झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया. जब अस्पताल के डॉक्टरों की इसकी भनक लगी तो वो एक्शन में आए और उन्होंने तांत्रिक के साथ-साथ मरीज के परिजनों को जमकर फटकार लगाई.

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ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर जब पेसेंट की स्थिति जानने के लिए वार्ड पहुंचे तो वहां तांत्रिक के द्वारा रोगी को झाड़-फूंक करते देखा. फिर डॉक्टर आग बबूला हो गए और रोगी तथा उनके परिजनों को जमकर फटकार लगाई. इसके बावजूद भी परिजन समझने को तैयार नहीं हुए. फिर उन्हें समझा बुझाकर तांत्रिक को अस्पताल से बाहर निकाला गया. अब भी रोगी का इलाज सदर अस्पताल मधेपुरा में ही चल रहा है. 

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इसे अंध विश्वास कहें या फिर अस्पताल में व्यवस्था की कमी, लेकिन अस्पताल में सरकारी व्यवस्था पर तो सवाल उठना लाजमी है. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकारी व्यवस्था ठीक ठाक नहीं रहने के कारण यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. इसलिए मरीज के परिजन झाड़-फूंक का सहारा लेने को मजबूर हैं. वैसे इस तरह की वारदात कहीं न कहीं होती ही रहती है. 

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