सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटल की मिलीभगत से एक बच्चे की एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण मौत हो गई. रांची सदर अस्पताल में आर्थो विभाग के डॉक्टर एस अली ने परिजनों से कहा कि यहां पर समय लग जाएगा. उन्होंने बच्चे का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल करने की बात कही.
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Ranchi News: रांची के रिम्स अस्पताल के डॉक्टरों की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. रिम्स के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक बच्चे की मौत हो गई. दरअसल, रांची के रिम्स अस्पताल में एक बच्चे को लेकर आया गया था. उसका पैर टूटा था. सरकारी और प्राइवेट अस्पताल की मिलीभगत ने बच्चे की जान ले ली. सरकारी अस्पताल में बच्चे को भर्ती नहीं किया गया और प्राइवेट अस्पताल में एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण मौत हो गई.
बता दें सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटल की मिलीभगत से एक बच्चे की एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण मौत हो गई. रांची सदर अस्पताल में आर्थो विभाग के डॉक्टर एस अली ने परिजनों से कहा कि यहां पर समय लग जाएगा. उन्होंने बच्चे का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल करने की बात कही. परिजनों ने डॉक्टर के कहने पर प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया, वहां डॉक्टरों ने उसे एनेस्थीसिया दे दी. एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण जब बच्चा होश में नहीं आया तो वहां से फिर उसे रात के 2:00 बजे रिम्स रेफर कर दिया गया.
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रिम्स जाने के बाद मालूम चला की रिम्स में मशीन नहीं है. देरी विलंब होने के कारण बच्चे की मौत हो गई. इस घटना से पीड़ित परिजन काफी आक्रोशित है. वो सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर अपने बेटी की हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि रांची का रिम्स अस्पताल अक्सर अपनी लापरवाही के चलते सुर्खियों में रहता है. हाल ही में रिम्स में 28 लोगों की मौत हो गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने उसे फटकार लगाई थी.
रिपोर्ट- अभिषेक भगत