Bokaro: फीस वसूली से परेशान अभिभावकों ने किया मौन प्रदर्शन, कहा-जल्द होगा समाधान
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Bokaro: फीस वसूली से परेशान अभिभावकों ने किया मौन प्रदर्शन, कहा-जल्द होगा समाधान

Bokaro Samachar: बोकारो उपायुक्त राजेश कुमार ने झारखंड अभिभावक संघ को भरोसा देते हुए कहा कि बहुत जल्द शुल्क निर्धारण कमेटी का गठन किया जाएगा और इस एक्ट के तहत जरुरी कार्रवाई की जाएगी.

फीस वसूली से परेशान अभिभावकों ने किया मौन प्रदर्शन. (फाइल फोटो)

Bokaro: लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजूद निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूली कर रहे हैं. स्कूल फीस से परेशान झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) के सदस्य बोकारो उपायुक्त से सात बार सात गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई. नाराज अभिभावकों ने बोकारो के अलावा झारखंड के कई स्कूलों के सामने मौन प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने अपने हाथों में प्ले कार्ड लेकर अपनी मांग प्रशासन के समक्ष रखी.

स्कूल बंद था फिर फीस किस बात की?
झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को बोकारो उपायुक्त राजेश सिंह से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए बोकारो जिले में झारखंड शिक्षण अधिगम संशोधन अधिनियम- 2017 को लागू करने की मांग की गई. बोकारो उपायुक्त राजेश कुमार ने झारखंड अभिभावक संघ को भरोसा देते हुए कहा कि बहुत जल्द शुल्क निर्धारण कमेटी का गठन किया जाएगा और इस एक्ट के तहत जरुरी कार्रवाई की जाएगी.

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क्या है झारखंड अभिभावक संघ की मांग ?

  • झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम-2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाया जाए ताकि कोई भी स्कूल अपने मन मुताबिक ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी या किसी अन्य मद में फीस वसूली नहीं कर सके. इसके लिए स्कूल-परेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन करें जो अनिवार्य है, जिनकी अनुशंसा पर ही शुल्क निर्धारण कमेटी कोई निर्णय ले सकती है. 
  • किसी भी स्कूल द्वारा बच्चों को फीस के एवज में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना अनैतिक एवं स्कूल मैनेजमेंट की मानसिक दिवालियपन दर्शाता है. जिस पर रोक लगनी चाहिए.
  • झारखंड सरकार का आदेश, जो पिछले साल पत्रांक संख्या 13/वी 12-55/2019 दिनांक 25/06/2020 को निकाला गया था, वह आज भी प्रभावी है. उक्त आदेश के अनुसार, निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस नहीं ले सकते लेकिन वर्तमान में स्कूलों ने उस आदेश को ताक पर रख दिया है और हर तरह की फीस वसूल रहे हैं. सरकार की ओर से पुनः एक आदेश जारी किया जाना चाहिए ताकि कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार हुए अभिभावकों को थोड़ी राहत मिल सके.
  • सभी संबद्धता प्राप्त स्कूलों के पिछले 5 साल के आय-व्यय का ब्यौरा की समीक्षा सरकार कराए ताकि जो आर्थिक रूप से कमजोर  स्कूल हैं उन्हें सहयोग मिले, जिससे कि उनके यहां काम करने वाले शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारी, ड्राइवर, खलासी को सेलरी मिल सके. सरप्लस में चलने वाले स्कूल, जिनके अकाउंट में आज भी करोड़ों रुपए फिक्स डिपाजिट है और जो आज भी फीस वसूल रहे हैं, वैसे स्कूलों के ऊपर विभिन्न मदों में लिए जाने शुल्क पर लगाम लगाया जाए.
  • केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लीज पर उपलब्ध कराए गए जमीन पर खुले स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगाए जाने को लेकर राज्य सरकार हस्तक्षेप करें. 

स्कूलों पर नियंत्रण जरुरी
उपायुक्त बोकारो से मुलाकात के बाद झारखंड अभिभावक संघ अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जिस तरह से निजी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं उस पर राज्य सरकार को अंकुश लगाना चाहिए. इसके साथ ही राज्य के सभी जिलों में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 एक्ट को प्रभावी बनाना चाहिए ताकि स्कूलों के ऊपर में राज्य सरकार का भी नियंत्रण हो, साथ ही हर साल अभिभावकों की हो रही परेशानियों का भी समाधान हो सके. उपायुक्त से मुलाकात के बाद बोकारो जिला झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष महेंद्र राय ने कहा कि 'बहुत जल्द जिला शुल्क निर्धारण कमेटी बनने से अभिभावकों की समस्याओं का समाधान होगा और उपायुक्त ने जिस तरह पूरे मामले को गंभीरता से लिया है उससे हमें विश्वास है कि बोकारो जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लग सकेगा.'

(इनपुट- मृत्युंजय)

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