Jamui School: बिहार के जमुई सदर प्रखंड के हरला गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का ताला बीते कई दिनों से नहीं खुल रहा है. यहां के शिक्षक हर दिन स्कूल आते हैं, लेकिन कार्यालय नहीं खुलता. यही नहीं बच्चे भी स्कूल आते हैं,
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जमुई: Jamui School: बिहार के जमुई सदर प्रखंड के हरला गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का ताला बीते कई दिनों से नहीं खुल रहा है. यहां के शिक्षक हर दिन स्कूल आते हैं, लेकिन कार्यालय नहीं खुलता. यही नहीं बच्चे भी स्कूल आते हैं, लेकिन कमरे का ताला नहीं खुलने से बगैर पढ़ाई वापस हो जाते हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बदलने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं.
फिलहाल भीषण गर्मी में भी सरकारी स्कूल खोलने का निर्देश है. सूबे में स्कूल खुल भी रहे हैं. कमजोर बच्चों को दक्ष अभियान के तहत पढ़ने में मजबूत बनाया भी जा रहा है. शिक्षक भी पहुंच रहे हैं. लेकिन, जिला के एक सरकारी स्कूल के लिए नियम शायद कुछ और है. तभी तो इस स्कूल के हेड मास्टर 30 अप्रैल से स्कूल नहीं आ रहे हैं. दरअसल, स्कूल के हेडमास्टर चमक लाल पासवान की मनमानी और लापरवाही से न तो कार्यालय का ताला खुल रहा है और न ही क्लासरूम का, क्योंकि स्कूल के हेडमास्टर 30 अप्रैल से स्कूल आ ही नहीं रहे हैं.
स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की सूचना भी नहीं मिली है कि उनके हेडमास्टर स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं और उनके ना ही आने पर कार्यालय और क्लास रूम का ताला कैसे खुलेगा. 30 अप्रैल से ना तो स्कूल के शिक्षक और न ही बच्चों की हाजिरी बन रही है. इसके साथ ही ना कार्यालय का ताला खुल रहा है, ना ही क्लासरूम का. शिक्षा व्यवस्था के हाल को आईना उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिखा रहा है. आठवीं पास छात्र-छात्राएं ट्रांसफर सर्टिफिकेट के लिए भी परेशान है.
दरअसल, उन्हें नवी कक्षा में पढ़ने के लिए दूसरे स्कूल में एडमिशन लेना है और एडमिशन सभी स्कूलों में चल रहे है. हेडमास्टर के नहीं रहने और कार्यालय नहीं खुलने से इन लोगों को टीसी भी नहीं मिल पा रही है. स्कूल के समय कई छात्र और उनके घर वाले निराश होकर लौटते दिखे. बताते चलें कि इस स्कूल में हेडमास्टर समेत 7 शिक्षक पोस्टेड हैं, जबकि साढ़े चार सौ से अधिक छात्र नामांकित हैं.
स्कूल के शिक्षक टुनटुन सिंह ने बताया कि हमारे स्कूल के हेड मास्टर चमन लाल पासवान बिना सूचना के और बिना बताए 30 अप्रैल से स्कूल नहीं आ रहे हैं. संपर्क करने के बाद भी किसी तरह की सूचना नहीं मिली. उनके स्कूल नहीं आने से ना स्कूल कार्यालय का ताला खुल रहा है और ना ही क्लासरूम का. शिक्षकों की अटेंडेंस भी नहीं बन पा रही है. बच्चे आते हैं तो बगैर पढ़ाई के वापस जा रहे हैं.
वहीं स्कूल कार्यालय के बाहर ताला खोलने के इंतजार में खड़ी शिक्षिका सरिता कुमारी और अर्चना देवी ने बताया कि 30 अप्रैल से यह लोग इसी तरह से स्कूल आवर में खड़े रहकर समय गुजर चले जाते हैं. ना कार्यालय का ताला खुल रहा है और ना ही क्लासरूम का. इस मामले में विभागीय अधिकारी को भी सूचना दी गई है, लेकिन हालात जस के तस हैं. इस मामले में जिलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. डीसीएलआर से इसकी जांच कराई जा रही है. गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
इनपुट- अभिषेक निराला, जमुई
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