शिक्षा का स्तर सुधारने में ईसाई मिशनरी का महत्वपूर्ण योगदान: हेमंत सोरेन
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शिक्षा का स्तर सुधारने में ईसाई मिशनरी का महत्वपूर्ण योगदान: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने गोस्सनर कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में यह बात कही. उन्होंने कहा, 'मिशन स्कूल और कॉलेज में अनुशासन और सम्मान के साथ शिक्षा दी जा रही है.'

शिक्षा का स्तर सुधारने में ईसाई मिशनरी का महत्वपूर्ण योगदान. (फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने बुधवार को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में ईसाई मिशनरी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को देखा जाए तो 50 प्रतिशत से अधिक योगदान मिशन का रहा है.

'अनुशासन और सम्मान के साथ दी जा रही शिक्षा'
मुख्यमंत्री ने गोस्सनर कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में यह बात कही. उन्होंने कहा, 'मिशन स्कूल और कॉलेज में अनुशासन और सम्मान के साथ शिक्षा दी जा रही है.'
उन्होंने कहा, 'राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में इसाई मिशनरीज का महत्वपूर्ण योगदान है. मिशन का संक्रमण काल में आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समेत अन्य के लिए सराहनीय सहयोग रहा. आज गोस्सनर कॉलेज ने अपने 50 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण कर लिए हैं, इसके लिए सभी छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं.'

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'बेहतर शिक्षा हेतु उठाए गए महत्वपूर्ण कदम'
सोरेन ने कहा, 'यहां दी जा रही अच्छी शिक्षा का परिणाम है कि कॉलेज में 27 विभाग हैं, जिनमें हजारों छात्र पढ़ाई कर रहें हैं. बच्चों को तराशने में शिक्षक बड़ी भूमिका निभा रहें हैं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का पिछड़ापन सिर्फ शिक्षा के अभाव के चलते है और राज्य उसी का दंश झेल रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य में बेहतर शिक्षा हेतु सरकार की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.

एकीकृत बिहार के समय एक नवंबर 1971 से अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से गोस्सनर कॉलेज की शुरुआत की गई थी. इस कॉलेज में अब 28 विभागों में 200 से ज्यादा कर्मचारी और 13,000 विद्यार्थी हैं.

(इनपुट- भाषा)

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