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लातेहार : लातेहार डीसी कार्यालय के समीप धरना देने लातेहार जा रहे लाल प्रतुल नाथ शाहदेव को पुलिस ने गुरुवार को चंदवा में हिरासत में ले लिया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रतुल शाहदेव का काफ़िला चंदवा प्रखंड मुख्यालय स्थित इंदिरा गांधी चौक के समीप जैसे पहुंचा वैसे ही पहले से अलर्ट चंदवा पुलिस ने उनकी गाड़ियों के क़ाफ़िले को रोक दिया.
प्रतुल ने जब लातेहार जाने की बात कही तो प्रशासन ने कहा कि किसी भी कीमत में यहां से आगे नहीं जाने दिया जायेगा, जिससे नाराज़ होकर प्रतुल शाहदेव अपने समर्थकों के साथ बीच सड़क में बैठकर धरना देने लगे. शुरुआत में पुलिस ने उन्हें नियम का हवाला देकर सड़क से उठने का आग्रह किया, इसी बीच उनके साथ आए कार्यकर्ताओं ने नारा लगाना शुरू कर दिया. अंत में पुलिस ने प्रतुल शाहदेव समेत कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर अस्थाई कैंप पथ विभाग के विश्रामागर में रखा.
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अपनी गिरफ्तारी के बाद नाराज होते हुए प्रतुल ने कहा कि यह तानाशाही है. उन्होंने कहा कि चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत दो मासूम बच्चियों की मौत फूड प्वाइजनिंग के कारण हो गई थी. घटना के बाद राज्य के मंत्री मृतक बच्चियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें उचित मुआवजा दिलवाने की बात कही थी. परंतु घटना के 15 दिन बीत जाने के बावजूद परिजनों को मुआवजा की राशि नहीं दी गई.
बच्चियों के परिजनों को मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर उन्होंने 1 सप्ताह पहले ही धरना देने की बात कही थी. इसी मामले को लेकर वे आज धरना देने लातेहार जा रहे थे. परंतु उन्हें धरना भी नहीं देने दिया गया. यह सरासर अन्याय है. हमें धरना देने से रोका गया. जितनी तेजी और एनर्जी मुझे रोकने में लगाया गया इतना यदि मृतक बच्चियों के पिता अनिल गंझू को मुआवजा देने में लगाते तो यह नौबत नहीं आती. पीड़ित परिवार को 20 दिनों तक मुआवजा नहीं देना गरीबों के साथ मजाक है.