बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फैसला नहीं होने से सभी दलों की बेचैनी बढ़ रही है.
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नई दिल्लीः बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्दा और भी तेज होते जा रहा है. अब शायद महागठबंधन के नेताओं का धैर्य भी खत्म होते जा रहा है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग अब एक माह के अंदर ही लोकसभा चुनाव को लेकर घोषणा कर सकता है. लेकिन अभी तक बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फैसला नहीं हो पाया है. लेकिन सहयोगी दलों द्वारा एक के बाद एक दावेदारी की जा रही है. ऐसे में हम पार्टी के नेता जीतनराम मांझी की बेचैनी भी बढ़ रही है.
हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी सम्मानजनक सीटों की दावेदारी कर रहे हैं. हालांकि हम पार्टी में टूट के बाद बार-बार कहा जा रहा था कि अब उनकी पार्टी को केवल एक सीट दी जा सकती है. वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में हम पार्टी को महागठबंधन में सीट मिलना मुश्किल होगा इसके बजाय उन्हें विधानसभा चुनाव में सीट दिया जाएगा. क्यों कि महागठबंधन में पहले ही कई ऐसे दावेदार भी हैं जो सीट जीतने वाले हो सकते हैं.
ऐसे में जीतनराम मांझी की बेचैनी काफी बढ़ गई है. इसलिए वह अब सीटों को लेकर दावेदारी कर रहे हैं. यही नहीं वह महागठबंधन के अन्य छोटे दलों से तुलना कर खुद की पार्टी को सीटों के लिए दावेदार बता रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस, आरएलएसपी और वीआईपी पार्टी से भी उन्हें अधिक सीट चाहिए. और इसके लिए वह जल्द ही लालू यादव से मुलाकत करने वाले हैं.
मांझी का कहना यह भी है कि अगर सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो वह 18 फरवरी के बाद निर्णय लें सकते हैं. हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने फिर कहा कि वह एनडीए में नहीं जाएंगे. और वह लालू यादव की मदद करने वाले सबसे करीबी हैं. उन्होंने लालू यादव की मदद उस समय की जब उनके साथ कोई नहीं था.
HAM leader Jitan Ram Manjhi on seat sharing: We've said it earlier also, we‘re a part of grand alliance&will stay a part of it.We came to help Lalu ji when nobody did. We're no less than anyone; our contribution is more in grand alliance. There's no question of us joining the NDA pic.twitter.com/kEwBAN0OiW
— ANI (@ANI) February 13, 2019
जीतनराम मांझी सीट शेयरिंग के फैसले को लेकर जहां एक ओर नाराजगी दिखा रहे हैं. वहीं उनके बागी तेवर भी दिख रहे हैं. लेकिन इन सब के साथ सीट शेयरिंग को लेकर मांझी की बेचैनी साफ दिख रही है.
वहीं, कांग्रेस ने भी सीट शेयरिंग को लेकर दावेदारी की है. कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने कहा है कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच बराबर सीटों की बंटवारा होना चाहिए. उनका दावा है कि बिहार में अब कांग्रेस किसी से भी कम नहीं है, ऐसे में आरजेडी और कांग्रेस दोनों को बराबर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.
बहरहाल, सीट शेयरिंग को लेकर बिहार महागठबंधन में खींचतान काफी समय से चल रहा है. लेकिन अब गठबंधन के दलों की बेचैनी बढ़ने लगी है. वहीं, कयास लगाए जा रहे हैं कि आरजेडी इन सभी से अलग अपनी रणनीति तैयार कर रहा है. चुकि आरजेडी महागठबंधन का सबसे बड़ा दल के रूप में जाना जाता है. इसलिए अन्य दलों की बेचैनी भी काफी बढ़ गई है. उन्हें इंतजार है कि सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला कब और कैसे होगा.