Asaduddin Owaisi Kishanganj Rally: किशनगंज रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीमांचल की आवाज दिल्ली पार्लियामेंट में गूंजना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा रहूंगा सीमांचल के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ूगां.
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Asaduddin Owaisi Kishanganj Rally: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है. 'मिशन 400' को लेकर बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं की पूरी टीम उतार रखी है. वहीं महागठबंधन में तेजस्वी यादव का साथ देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी एक-एक रैली कर चुके हैं. अब इस महासंग्राम में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री भी हो चुकी है. ओवैसी ने रविवार (21 अप्रैल) को मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान ओवैसी के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ राजद नेता तेजस्वी यादव भी रहे. रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि सीमांचल की आवाज दिल्ली पार्लियामेंट में गूंजना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा रहूंगा सीमांचल के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ूगां. औवेसी ने कहा कि इस चुनाव में सीमांचल की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए वोट करें.
इस दौरान औवेसी ने सीएए और एनआरसीसी का विरोध किया और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीएए-एनआरसी लागू करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों को नागरिकता से महरूम करना चाहते हैं. अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी सीमांचल की जनता को घुसपैठी बोल कर तौहीन कर रहे हैं. AIMIM चीफ ने आगे कहा कि 10 साल वो लोग क्या सो रहे थे? हमेशा वह घुसपैठिया करार देते हैं. इससे यह बात साबित होती है कि एनआरसी के जरिए तकलीफ पहुंचाना चाहते हैं.
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मोदी सरकार द्वारा लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि हमारा कहना है कि आजादी के बाद से देश में 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं लेकिन सांसद बनने वाली मुस्लिम महिलाओं की संख्या सिर्फ 20 रही है, तो फिर मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि मेरा तर्क है कि मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग मिलकर कुल आबादी का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा हैं. हम इस विशाल सामाजिक वर्ग की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते. हम इस विशाल सामाजिक वर्ग की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते.
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बता दें कि AIMIM ने इस बार बिहार की किशनगंज, अररिया, कटिहार, दरभंगा, बक्सर, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, काराकाट, भागलपुर, गोपालगंज, शिवहर, पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक व AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में हुए त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को जीत मिली थी. कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से उन पर ही भरोसा जताया है. वहीं बिहार में AIMIM के सियासी ताकत की बात करें तो सीमांचल में खासकर किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में अच्छा-खासा जनाधार बनाया है. 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में उसने तीनों जिलों में जीत का स्वाद भी चखा. उसके पांच विधायक जीते थे. इनमें किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर और बायसी जबकि अररिया लोकसभा क्षेत्र में जोकीहाट में उनका विधायक जीता था.