Lokpal Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने शिबू सोरेन की अपील याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
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Lokpal Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने शिबू सोरेन की अपील याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

Jharkhand News: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने यह तय करने में लोकपाल की स्वतंत्रता पर जोर दिया था कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने अपील याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि फैसला मंगलवार या बुधवार का अपलोड किया जाएगा. 

दिल्ली हाईकोर्ट और शिबू सोरेन

Jharkhand News: लोकपाल की तरफ से झामुमो संरक्षक शिबू सोरेन (Shibu Soren) के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई में हस्तक्षेप से इनकार करने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ उनकी अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने निर्णय सुरक्षित रख लिया. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर लोकपाल ने कार्रवाई शुरू की है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने 22 जनवरी को लोकपाल कार्रवाई को चुनौती देने वाली शिबू सोरेन की याचिका और शिकायत को अपरिपक्व मानते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था.

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने यह तय करने में लोकपाल की स्वतंत्रता पर जोर दिया था कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने अपील याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि फैसला मंगलवार या बुधवार का अपलोड किया जाएगा. इससे पहले न्यायमूर्ति प्रसाद ने (Shibu Soren) के वकील के तर्क को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि पूरी शिकायत राजनीति से प्रेरित थी.

अगस्त 2020 की शिकायत में निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि (Shibu Soren) और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके भारी धन और संपत्ति अर्जित की और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने लोकपाल की स्वायत्तता की पुष्टि करते हुए कहा था कि राजनीतिक प्रभाव के आरोपों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. लोकपाल स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि जांच की आवश्यकता है या नहीं.

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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पहले सितंबर 2022 में लोकपाल की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. लोकपाल ने कहा था कि (Shibu Soren) की याचिका गलत थी और मौलिक अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ था. प्रारंभिक जांच का बचाव करते हुए उसने कहा था कि शिकायत में उल्लिखित तथ्यों का पता लगाने के लिए यह उचित कार्रवाई थी.

इनपुट: आईएएनएस

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