Jitan Ram Manjhi Ministry: केंद्रीय मंत्री बनकर अपने संसदीय क्षेत्र गया पहुंचने पर जीतन राम मांझी ने MSME मंत्रालय देखकर हमको कुछ समझ नहीं आया और हम माथा ठोकने लगे थे. हालांकि, मंत्रालयों के बजट के हिसाब से जीतन राम मांझी बिहार के अन्य कैबिनेट मंत्रियों पर भारी पड़ रहे हैं.
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Jitan Ram Manjhi Ministry: मोदी कैबिनेट 3.0 में शामिल सारे मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हो चुका है. इस बार बिहार से कुल 8 मंत्री बनाए गए हैं. जिनमें से 4 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री हैं. बिहार बीजेपी के 4, जेडीयू के 2 और एक-एक मिनिस्टर लोजपा (आर)-हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से हैं. सभी मंत्रियों ने अपना-अपना कामकाज भी संभाल लिया है. बिहार विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार किंगमेकर साबित हुआ फिर भी बिहार के सांसदों को झुनझूना थमा दिया गया. इसी बीच कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी ने दिल्ली से बिहार पहुंचते ही एक चौंकाने वाला बयान दिया. जिसके बाद सियासत तेज हो गई है.
केंद्रीय मंत्री बनकर अपने संसदीय क्षेत्र गया पहुंचने पर जीतन राम मांझी ने बताया कि हमने अपने विभाग वाला लिफाफा खोला तो चौंक गए. MSME मंत्रालय देखकर हमको कुछ समझ नहीं आया और हम माथा ठोकने लगे थे, फिर हम सोचने लगे अरे भाई ये क्या मिला है. मांझी ने आगे कहा कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की तो पीएम ने इसे अपना सपना वाला विभाग बताया. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने आपको अपनी कल्पना वाला विभाग दिया है. अपना सपना पूरा करने के लिए यह विभाग आपको दिया हूं. मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री से ऐसी बातें सुनकर उनका भ्रम दूर हुआ. हालांकि अब बिहार से शामिल मंत्रियों के विभागों के बजट पर खूब चर्चा हो रही है.
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इसके लिए सबसे पहले बिहार के कैबिनेट मंत्रियों को मिले विभागों को जानना जरूरी है. बीजेपी कोटे से गिरिराज सिंह तो वहीं जेडीयू से ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और हम संरक्षक जीतन राम मांझी को भी कैबिनेट मंत्री की कुर्सी मिली है. सभी के बीच मंत्रालय बंट चुके हैं. लगातार तीसरी बार मंत्री बने गिरिराज सिंह को इस बार कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ललन सिंह को दो मंत्रालय दिए गए हैं. पहला- पंचायती राज मंत्रालय और दूसरा- मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय. खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी चिराग को मिली है. तो वहीं जीतन राम मांझी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) मंत्रालय सौंपा गया है.
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मंत्री का नाम | मंत्रालय | पिछले साल का बजट |
नित्यानंद राय (BJP) | गृह मंत्रालय (राज्य मंत्री) | 2.71 लाख करोड़ |
गिरिराज सिंह (BJP) | कपड़ा मंत्रालय | 56.80 करोड़ रुपये |
सतीश चंद्र दुबे (BJP) | कोयला और खनन मंत्रालय (राज्य मंत्री) | 56 हजार करोड़ |
राज भूषण चौधरी (BJP) | जलशक्ति मंत्रालय (राज्य मंत्री) | 98 हजार करोड़ रुपये |
जीतन राम मांझी (HAM) | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय | 22 हजार करोड़ रुपये |
चिराग पासवान (LJPR) | खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय | 3,290 करोड़ रुपये |
रामनाथ ठाकुर (JDU) | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (राज्य मंत्री) | 1.27 लाख करोड़ रुपये |
ललन सिंह (JDU) |
1. पंचायती राज मंत्रालय, 2. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय |
पंचायती राज- 76 करोड़ रुपये, मत्स्य - 2584.50 करोड़ रुपये, पशुपालन और डेयरी विभाग को ₹ 4,521 करोड़ रुपये |
मंत्रालयों के बजट के हिसाब से मांझी सभी पर भारी पड़ रहे हैं. 2024-25 के बजट में MSME मंत्रालय का कुल बजट 22,137.95 करोड़ रुपए का है. गिरिराज सिंह, चिराग पासवान या ललन सिंह के दो मंत्रालय के तहत कुल तीनों विभागों का बजट भी इतना नहीं है. ललन सिंह को मिले पंचायती राज मंत्रालय का बजट 1183.64 करोड़ है. ललन को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भी मिला है. इसमें मत्स्यपालन विभाग का बजट 2584.50 करोड़ है जबकि पशुपालन और डेयरी विभाग का 4521.24 करोड़ रुपए है. हालांकि, राज्य मंत्री नित्यानंद राय के गृह विभाग का बजट सबसे ज्यादा है, लेकिन इस मंत्रालय को अमित शाह लीड कर रहे हैं.