'तेजस्वी यादव जैसे नेता अगर देश को...', लालू-राबड़ी के शासन को प्रशांत किशोर ने दिलाया याद
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'तेजस्वी यादव जैसे नेता अगर देश को...', लालू-राबड़ी के शासन को प्रशांत किशोर ने दिलाया याद

Prashant Kishor Targets Tejashwi Yadav: प्रशांत किशोर ने यहां तक कहा कि तेजस्वी यादव को न भाषा का ज्ञान है न विषय का, लेकिन तीखा टिप्पणी करनी होगी तो बैठ कर इजराइल और फिलिस्तीन पर करेंगे. बिहार में गरीब बच्चों के शरीर पर कपड़ा नहीं है, खाने के लिए खाना नहीं है, रोजगार नहीं है लेकिन तीखा टिप्पणी ये कर रहे हैं कि गाजा में क्या हो रहा है.

प्रशांत किशोर

Lok Sabha Chunav 2024: बिहार में शुक्रवार को पहले चरण की चार सीटों पर चुनाव होना है. प्रदेश में आरोप प्रत्यारोप का भी दौर जारी है. इस बीच, चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी यादव पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने साफ़ लहजे में कहा कि तेजस्वी जैसे नेता अगर देश को नई दिशा देने लगेंगे तो देश का वही हाल होगा जैसे लालू-राबड़ी ने बिहार का किया था.

उन्होंने कहा कि इससे देश का कोई भला होने वाला नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने तेजस्वी यादव को शुभकामनाएं दी. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि तेजस्वी के पिताजी लालू प्रसाद और माता जी राबड़ी देवी बिहार में मुख्यमंत्री रहे और तेजस्वी खुद उपमुख्यमंत्री रहे, बिहार को तो इन्होंने दिशाहीन कर दिया.

'बिहार में कुछ विभागों की दशा ठीक कर दें तेजस्वी'

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने अगर तेजस्वी को जिम्मेदारी दी है तो बिहार में कुछ विभागों की दशा ठीक कर दें. बिहार में अस्पतालों की दशा सुधार दें, बिहार में सड़कों की दशा सुधार दें, बिहार में ग्रामीण कार्य मंत्रालय में आने वाले नालियों-गलियों की दशा सुधार दें. उन्होंने तेजस्वी को सलाह देते है कहा कि उन्हें अपनी बात करनी चाहिए. ऐसी बात करने वालों को बड़बोलापन कहा जाता है. बिहार में लोगों को इस चीज की बहुत आदत है.

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'तेजस्वी यादव को न भाषा का ज्ञान है न विषय का'

प्रशांत किशोर ने यहां तक कहा कि तेजस्वी यादव को न भाषा का ज्ञान है न विषय का, लेकिन तीखा टिप्पणी करनी होगी तो बैठ कर इजराइल और फिलिस्तीन पर करेंगे. बिहार में गरीब बच्चों के शरीर पर कपड़ा नहीं है, खाने के लिए खाना नहीं है, रोजगार नहीं है लेकिन तीखा टिप्पणी ये कर रहे हैं कि गाजा में क्या हो रहा है.

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'बेवकूफ़ी को यहां पर नेताओं ने जमीनी हकीकत मान लिया'

उन्होंने साफ लहजे में कहा कि बेवकूफ़ी को यहां पर नेताओं ने जमीनी हकीकत मान लिया है. ऊलजलूल बात करने वालों को समाज के लोग जमीनी नेता मानते हैं, जिसको न भाषा का ज्ञान है, न विषय का.

इनपुट: आईएएनएस

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