Lok Sabha Election 2024: राजद की पहली टिकट में दलित और महादलित पर फोकस किया गया है. इस लिस्ट में एक भी मुस्लिम या यादव नेता को टिकट नहीं मिला है. इसे देखकर कहा जा सकता है कि अब लालू यादव अपने परंपरागत वोटबैंक 'MY' से हटकर तेजस्वी यादव के 'BAAP' पर फोकस कर रहे हैं.
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RJD Candidates First List: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो चुका है, लेकिन महागठबंधन में अभी तक इस विषय पर मंथन चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान की लेट-लतीफी से नाराज होकर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपनी पार्टी में टिकट बांटनी भी शुरू कर दी है. राजद की ओर से पहले चरण की चारो सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. मीडया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजद की पहली लिस्ट में गया से कुमार सर्वजीत, नवादा से श्रवण कुशवाहा, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और जमुई से अर्चना रविदास को पार्टी का सिंबल दिया गया है. हालांकि, पार्टी ने अभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है. राजद की पहली लिस्ट से एक बात तो कि अब लालू यादव अपने परंपरागत वोटबैंक 'MY' से हटकर तेजस्वी यादव के 'BAAP' पर फोकस कर रहे हैं.
पहली लिस्ट में एक भी मुस्लिम या यादव नेता को टिकट नहीं मिला है. गया से टिकट पाने वाले कुमार सर्वजीत पासवान जाति से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता राजेश कुमार भी गया सीट से सांसद रह चुके हैं. कुमार सर्वजीत बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. जमुई से टिकट पाने वाली अर्चना रविदास महादलित समुदाय से हैं. वहीं नवादा से श्रवण कुशवाहा और औरंगाबाद से अभय कुशवाहा को टिकट मिला है. दोनों ही कुशवाहा जाति से आते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार के 'लव-कुश' वोटबैंक में कुश का मतलब कुशवाहा वोटर है. माना जा रहा है कि इस वोटबैंक में सेंधमारी के लिए ही कुशवाहा समाज के दो नेताओं को टिकट मिली है. इसके अलावा बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को भी टिकट देने की बात चल रही है. उन्हें बक्सर सीट से मौका मिल सकता है.
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पहली टिकट में दलित और महादलित पर फोकस किया गया है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बिहार में जातिवाद का फैक्टर हमेशा से बहुत अहम रहा है. लालू यादव की पार्टी को 'MY' यानी 'मुस्लिम-यादव' का टैग लगा हुआ है. पिछले तीन दशक से लालू की पार्टी को यादवों और मुस्लिमों का वोट मिल रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन को 56% यादवों और 65% मुस्लिमों का वोट मिला था. हालांकि, इस वोटबैंक को छोड़कर अन्य जातियों को लुभाने में महागठबंधन नाकाम रहा था. एनडीए की प्रचंड जीत का सबसे बड़ा कारण भी यही था.
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इन आंकड़ों को देखते हुए तेजस्वी यादव पिछले कई महीनों से अपनी पार्टी को 'MY' से बाहर निकालने की कोशिश लगे हुए हैं. उन्होंने अपनी जन विश्वास यात्रा में कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि हमारी पार्टी MY की पार्टी है. ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि आरजेडी 'MY' के साथ 'BAAP' की भी पार्टी है. तेजस्वी ने बाप का मतलब समझाते हुए कहा कि B का मतलब बहुजन, A मतलब अगड़ा, A मतलब आधी आबादी और P मतलब पुअर (गरीब) होता है.