Ranchi news: महेंद्र सिंह धोनी के कड़कनाथ मुर्गे प्रोजेस्ट से प्रेरणा ली थी. जिसके बाद महेंद्र दांगी चूजे लाकर उनका पालना शुरू किया था.
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Ranchi: कहते हैं चाह है तो राह है. इसकी मिसाल चतरा के गिद्धौर के महेंद्र दांगी ने पेश की है. कभी महेंद्र दांगी की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन मुर्गा व पशुपालन में रुचि रखने वाले महेंद्र इसी की मदद से अपनी तकदीर को ही बदल दिया. वो इस समय मुर्गा व पशुपालन कर रहे हैं. उनके पास अभी ढाई सौ कड़कनाथ मुर्गे (Kadaknath) हैं और उन्ही की मदद से उन्होंने 6 और लोगों को भी रोजगार दे रखा है.
अपने इस व्यवसाय को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के कड़कनाथ मुर्गे प्रोजेस्ट से प्रेरणा ली थी. जिसके बाद उन्होंने चूजे लाकर उनका पालना शुरू किया था. आज उसके फार्म में ढाई सौ कड़कनाथ मुर्गा व मुर्गी हैं. बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी का अंडा भी महंगा है और 30 से 40 रुपए प्रति पीस बाजार में बिकता है. अपने काले रंग के मांस के लिए प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा का स्वाद अब गिद्धौर के लोग भी चख रहे हैं.
महेंद्र ने इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी. जिसके बाद ये मुर्गे यहां पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसे देखने के लिए लोग पहुंचते हैं. वहीं, महेंद्र के बकरी फार्म में 90 किलोग्राम का बकरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग महेंद्र के इस प्रोजेक्ट की तारीफ कर रहे हैं.
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बता दें कि कड़कनाथ मुर्गा का मांस भी काले रंग का ही होता है. कड़कनाथ मुर्गा के एक किलो मांस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा करीब 184 एमजी होती है जबकि सामान्य मुर्गों में 224 एमजी होती है. इसके मांस में 27 फीसद तक प्रोटीन पाया जाता है जबकि सामान्य में 16 फीसद ही प्रोटीन होता है. कड़कनाथ मुर्गा इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही वसा, प्रोटीन से भरपूर, ह्रदय, सांस, एनिमिया रोग में लाभकारी है. इस प्रजाति की एक मादा हर साल औसतन 120 अंडे देती है. हृदय रोगियों के लिए कड़कनाथ मुर्गे का मांस फायदेमंद है. एक अंडा 50 रुपए तक बिकता है.
(इनपुट-यादवेंद्र सिंह)