JDU विधायकों ने अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, कहा-ऐसी तैयारी से तो तबाही आ जाएगी
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JDU विधायकों ने अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, कहा-ऐसी तैयारी से तो तबाही आ जाएगी

Bagaha News: जदयू विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह व जदयू के एमएलसी भीष्म साहनी ने दुलारी बांध का निरीक्षण किया.

 

बगहा में बाढ़ की तैयारी को लेकर अधिकारियों पर विधायकों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

Bagha: बगहा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां जदयू के विधायक और जदयू के एमएलसी ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वाल्मीकिनगर के जदयू विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह जदयू के एमएलसी भीष्म साहनी ने दुलारी बांध का निरीक्षण किया निरीक्षण में भारी अनियमितता पाई गई है.

विधायक और एमएलसी ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की वजह से बाढ़ के समय क्षेत्र में तबाही आ जायेगी. जदयू विधायक ने कहा कि अधिकारियों ने कनीय अभियंता से मिलकर लूट खसोट की हदों को पार कर दिया है. जियो बैग में बालू की जगह मिट्टी भराई की गई है.

नेताओं का कहना है कि सभी बोरी में भरे गए मिट्टी का वजन 30 से 35 केजी है वजन कम से कम 50 केजी का होना चाहिए. जियो बैग का सिलाई भी ठीक से नहीं किया गया है और बांध के पास जो स्टड बनाये जा रहे है उसमें भारी अनियमितता बरती गई है.

उसमें लूट खसोट किया गया है बड़े पत्थरो की जगह छोटे छोटे पत्थर डाले गए हैं, जो बरसात में टूट जाएगा और बरसात में क्षेत्र में बाढ़ से तबाही मच जाएगी. विधायक और एमएलसी ने यहां तक आरोप लगाया कि हमलोगों के आने पर कनीय अभियंता साइड से भाग गए है उनको सूचना देकर हमलोग निरीक्षण करने आये थे.

बाढ़ बचाव कार्य मे संवेदक और इंजीनियरों ने लूट खसोट किया है इसको लेकर हमलोग सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखेंगे कि ऐसे संवेदकों को काली सूची में डाल दिया जाय और ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाय.

अब सवाल उठता है कि जब सत्ता रूढ़ पार्टी के विधायक और एमएलसी ही अपने अधिकारियों पर लूट खसोट का आरोप लगा रहे हैं तो बाढ़ पूर्व हो रहे तैयारी पर लोग कैसे भरोसा करें?

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ऐसे में सवाल यह भी है कि बांधों को बनाने में अनियमितता बरती गई तो तटबंध कितने सुरक्षित होंगे? क्या अधिकारियों की लूट खसोट की वजह से तटबंध टूट जाएंगे? क्या गण्डक पार के चार प्रखंडो में बाढ़ की विभीषका झेलनी पड़ेगी? क्या अधिकारियों की लापरवाही से बाढ़ की त्रासदी जनता को झेलनी पड़ेगी? 

अब इन सारे सवालों का जबाब सरकार को देना होगा क्योंकि मानसून आने में ज्यादा समय नहीं है और वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से जब लाखों क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जाएगा तो चम्पारण कितना सुरक्षित है इसका भी अब सरकार को जबाब देना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये तमाम आरोप अब सत्तारूढ़ दल के विधायक और एमएलसी ही लगा रहे हैं. 

(इनपुट- धनंजय द्विवेदी)

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