Bettiah: नक्सल प्रभावित इलाके के छात्रों ने लिखी नई इबारत, कठिन परिश्रम से हासिल की BPSC परीक्षा में सफलता
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Bettiah: नक्सल प्रभावित इलाके के छात्रों ने लिखी नई इबारत, कठिन परिश्रम से हासिल की BPSC परीक्षा में सफलता

Bettiah Samachar: पश्चिम चंपारण जिले के दो युवकों ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए सफलता की नई इबारत लिख दी है. 

नक्सल प्रभावित इलाके के छात्रों ने लिखी नई इबारत.

Bettiah: (BPSC 64 Result) 64वीं BPSC परीक्षा के परिणाम आ चुके हैं, परीक्षा में तमाम छात्रों ने सफलता हासिल की है. कहा जाता है कि सफलता को हासिल करने के लिए बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का होना बेहद जरूरी है. आमतौर पर बड़े शहरों में अच्छी और बेहतर शिक्षा के लिए छात्र लाखों रूपए खर्च करते हैं बावजूद इसके हर किसी को कामयाबी नहीं मिलती. लेकिन पश्चिम चंपारण जिले के दो युवकों ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए सफलता की नई इबारत लिख दी है. 64वीं BPSC परीक्षा में जिले के दो छात्रों ने सफलता की जो कहानी लिखी हैं उससे ग्रामीण और सुदूरवर्ती इलाके में रहने वाले लाखों युवाओं को प्रेरणा मिलेगी.

ग्रामीण युवाओं के लिए नजीर बने रामअयोध्या राय
पश्चिम चंपारण जिले का गौनाहा प्रखंड क्षेत्र अति पिछड़ा और नक्सल प्रभावित है. बावजूद इसके थारू बहुल इलाके के रहने वाले रामअयोध्या राय ने BPSC की परीक्षा पास कर मिसाल कायम की है. रामअयोध्या राय का BPRO के पद पर चयन हुआ है. उनकी सफलता ने थरूहट सहित पूरे बेतिया जिले का नाम रौशन किया है. रामअयोध्या गौनाहा प्रखंड के धुमली परसा गांव के रामबली राय और मराछी देवी के सुपुत्र हैं. इनकी प्रारंभिक पढ़ाई गौनाहा के ही ग्रामीण क्षेत्र के आइडियल पब्लिक स्कूल एंड कोचिंग सेंटर बेलसंडी से हुई है. रामअयोध्या की सफलता से उनके परिवार के लोगों के साथ ही उनके मित्र और क्षेत्रवासी भी खुद को गौरान्वित महसुस कर रहें हैं. फिलहाल वे इण्डियन रेलवे में 2019 से गुड्सगार्ड के पद पर काम रहे हैं.

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दियारा इलाके के रंजीत कुमार ने बढ़ाया मान
सफलता की एक और कहानी दियारा इलाके के योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र से आई है, यहां योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के काला सिकटा गांव के रहने वाले रंजीत कुमार ने  BPSC की परीक्षा में 316वां रैंक लाकर दियारावर्ती इलाके का मान बढ़ाया है. BPSC की 64वीं परीक्षा में मित्रा प्रसाद के पुत्र रंजीत कुमार को राजस्व ऑफिसर का पद मिला है. रंजीत की इस सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. रंजीत कुमार के पिता मित्रा प्रसाद एक किसान हैं और माता रानी देवी एक कुशल गृहिणी हैं. रंजीत ने सिकटा गांव के विद्यालय से ही पढ़ाई की है. तीन भाई और एक बहन में रंजीत कुमार सबसे बड़े हैं.

इंजीनियरिंग के पढ़ाई के बाद TCS में किया काम 
रंजीत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद TCS कंपनी में भी कार्य किया लेकिन समाज सेवा की तरफ झुकाव के कारण सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे. इस दौरान उनका चयन केनरा बैंक के पीओ के पद पर भी हुआ था. फिलहाल रंजीत कुमार कोलकाता के नवाई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. रंजीत कुमार ने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी की जिसके बाद यह सफलता हाथ लगी है.

रामअयोध्या राय और रंजीत कुमार ने तमाम बाधाओं को पार कर सफलता की जो कहानी लिखी है, वह ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के लिए एक मिसाल है. दोनों युवाओं की सफलता बताती है कि कठिन मेहनत और परिश्रम से हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है.

(इनपुट- इमरान अज़ीज़)

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