हरनाटांड़ वन क्षेत्र व लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बैरिया काला गांव निवासी धर्मराज काजी का क्षत-विक्षत शव शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों ने जंगल के निकट बैरिया काला गांव के सरेह में देखा. जिस पर ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग समेत लौकरिया थाना पुलिस को दिया.
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बगहाः पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व अंतर्गत चिउटाहा वन क्षेत्र के समीप एक किसान पर हमला कर बाघ ने मार डाला है. हमला उस समय किया गया जब बैरिया काला गांव निवासी धर्मराज काजी खेत में खाद डालने गए थे. स्थानीय लोगों को जंगल के समिप धर्मराज के कपड़े और हड्डियों के अवशेष पड़े हुए मिले. धर्मचारी की मौत के बाद क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है.
घटना का क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक हरनाटांड़ वन क्षेत्र व लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बैरिया काला गांव निवासी धर्मराज काजी का क्षत-विक्षत शव शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों ने जंगल के निकट बैरिया काला गांव के सरेह में देखा. जिस पर ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग समेत लौकरिया थाना पुलिस को दिया. बताया जा रहा है कि मृतक धर्मराज काजी गुरुवार की शाम घर से खेत मे खाद डालने निकले थे जो देर रात तक वापस नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू किया. इसी बीच अचानक आज उनके शव मिलने की सूचना मिली. मृत किसान एक पुत्र और 5 बेटियों के पिता थे.
केवल हड्डियों के मिले अवशेष
पुलिस अधिकारियों के अनुसार किसान के शव का मांस बाघ के द्वारा खा लिया गया है और उस जगह पर केवल हड्डियों का अवशेष मिला है. मामले में लौकरिया थानाध्यक्ष अभय कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शव मिलने की सूचना मिली है. पुलिसकर्मियों की टीम को मौके पर भेजा गया है.
वन कर्मियों ने शुरू की बाघ की छानबीन
हरनाटांड़ वन क्षेत्र के वन अधिकारी रमेश प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि इसकी सूचना मिलते ही जंगल में वन कर्मियों के साथ खोजबीन की गई जिसमें क्षत-विक्षत शव मिला है. जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. हरनाटांड़ रेंजर ने भी बाघ के हमले में किसान की मौत होने की पुष्टि किया है और वन विभाग द्वारा मुआवजा देने की कवायद तेज कर दी गई है.
बाघ के हमले से तीसरी मौत
बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से बाघ निकलकर रिहायशी इलाकों में चहलकदमी कर रहा है, जो आदमखोर हो चुका है क्योंकि बाघ ने अब तक कुल 5 लोगों पर हमला किया है जिनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो लोग अपाहिज हो गए हैं. यह तीसरी मौत है जब आदमखोर ने किसान धर्मराज काजी को अपना निवाला बनाया है. इधर वन विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि बाघ के हमले में किसान की मौत हुई है. आशंका जताई जा रही है कि ये बाघिन है जो अब आदमखोर हो चुकी है जो बार-बार इसी इलाके के आस पास लोगों पर जानलेवा हमला कर रही है और वन विभाग उसका रेस्क्यू करने या पकड़ने में नाकाम साबित हो रहा है.
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