Muzaffarpur Police News: मुजफ्फरपुर पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मेंबर डॉगी माला को सम्मानित करने का फैसला किया है और इसके लिए पुलिस मुख्यालय, पटना को एक प्रस्ताव भेजा है. ऐसा इसलिए किया है कि पिछले एक साल में डॉगी माला ने कई महत्वपूर्ण केस में पुलिस की बड़ी मदद की है.
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बिहार ही नहीं, देशभर में कहीं भी कोई बड़ी आपराधिक वारदात होती है तो उसे सॉल्व करने में डॉग स्क्वायड की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर में बड़े बड़े अपराधों में डॉग स्क्वायड ने महती रोल निभाया है. डॉग स्क्वायड में भी डॉगी माला ने तो कमाल कर डाला. डॉगी माला की कहानी सुनकर आप भी अचंभे में पड़ जाएंगे. जो काम तेजतर्रार पुलिस अफसर नहीं कर पाते, डॉगी माला की सहायता से आसानी से हल हो जाते हैं. डॉगी माला ने मुजफफरपुर के बड़े से बड़े अपराधियों की सुरागरसी कर सलाखों के पीछे पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. इसलिए अब मुजफ्फरपुर पुलिस ने डॉगी माला को सम्मानित करने का फैसला किया है.
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एक साल पहले ही अपराधियों की सुरागरसी करने के लिए डॉगी माला को पटना से मुजफ्फरपुर लाया गया था. महज एक साल में ही यह दर्जनों अपराधियों को पकड़वाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉगी माला के कारनामों से प्रभावित होकर मुजफ्फरपुर पुलिस ने उसे सम्मानित करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय, पटना को भेजा है.
डॉगी माला मुजफ्फरपुर पुलिस लाइन डॉग स्क्वायड भवन रहती है. पंकज महथा उसके केयर टेकर हैं. पंकज का कहना है कि माला लेबरा प्रजाति की डॉगी है और हैदराबाद में उसे प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी गई है. इसी ट्रेनिंग का नतीजा है कि माला अब तक दर्जनों मामलों में अपराधियों को सलाखों के पीछे करवा चुकी है.
पंकज कहते हैं, डॉगी माला जब छोटी थी, तब इसे खरीदा गया था. माला की सूंघने की क्षमता कमाल की है. अपराधी अगर एक-दो किलोमीटर की रेंज में कहीं छिपा होता है तो डॉगी माला के सूंघने की क्षमता से बच नहीं सकता.
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पंकज बताते हैं कि माला को सुबह दूध-रोटी और शाम में मटन चावल दिया जाता है. इसके अलावा खाने में उसे हरी सब्जी भी दी जाती है. उनका कहना है कि डॉगी इतने समझदार और वफादार होते हैं कि जो भी इनकी देखरेख करते हैं, उनके साथ इनका काफी लगाव हो जाता है.
रिपोर्ट: मणितोष कुमार