Begusarai Violence: हर त्योहार पर जल रहा है बिहार, हिंसा को क्यों नहीं रोक पा रही नीतीश कुमार की पुलिस?
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Begusarai Violence: हर त्योहार पर जल रहा है बिहार, हिंसा को क्यों नहीं रोक पा रही नीतीश कुमार की पुलिस?

बिहार में त्योहारों के समय पत्थरबाजी की घटनाएं आम बात हो गई है. हर त्योहार में राज्य के किसी न किसी हिस्से से रोड़ेबाजी की खबर सामने आ जाती है.

हर त्योहार पर क्यों जल रहा बिहार?

पटना: Begusarai Violence: अप्रैल में श्रीरामनवमी के मौके पर शुरू हुआ बिहार में हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है. रामनवमी के बाद से अमूमन हर छोटे बड़े त्योहारों पर बिहार किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं झुलसा है. बात चाहे बिहारशरीफ की करें या सासाराम की, दरभंगा की करें या बगहा की या अब बेगुसराय की. हिंसा का यह दौर कम होने के बजाय अब और बड़ा रूप लेता दिख रहा है. बुधवार को बेगुसराय भी हिंसा की आग में झुलस गया और कई गाड़ियां देखते देखते आग की भेंट चढ़ गईं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले में नीतीश सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लिया है और साथ ही सवाल भी पूछे हैं कि बेगुसराय को क्यों गजवा ए हिंद अपने निशाने पर ले रहा है?

रामनवमी पर हिंसा

रामनवमी पर बिहार के कुछ हिस्सों में अचानक हिंसा भड़क उठी थी और कई जिले इसकी चपेट में आ गए थे. रोहतास के सासाराम और नालंदा जिले के बिहारशरीफ में हिंसा बड़े पैमाने पर हुई थी. बिहारशरीफ में तो एक शख्स की मौत भी हो गई थी. सासाराम के शेरगढ़ में तो एक बम ब्लास्ट किया गया था, जिसमें 6 लोग घायल हो गए थे. सरकार और पुलिस का आरोप था कि सोशल मीडिया के माध्यम से हिंसा की इन घटनाओं को प्लान किया गया था और इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. लेकिन उसके बाद से ऐसा कोई त्योहार नहीं बीता है, जिसमें हिंसा की छोटी बड़ी घटना न हुई हो. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार पुलिस की इंटेलीजेंस फेल है?

नागपंचमी पर हिंसा

रामनवमी के बाद बिहार भोले बाबा के पवित्र त्योहार नागपंचमी के दिन भी सुलग उठा. नागपंचमी पर परंपरा के अनुसार महावीरी जुलूस निकाले गए, जिसमें कई जगहों पर दो पक्ष आमने सामने आ गए. बिहार के बगहा और मोतिहारी में तो माहौल कुछ ज्यादा ही तनावपूर्ण हो गया और यहां इंटरनेट को भी 24 घंटे के लिए बैन करना पड़ा. बताया जाता है कि बगहां में जुलूस पर पथराव के कारण दो पक्ष आमने-सामने आ गए. उसके बाद जमकर आगजनी और तोड़फोड़ किए गए. घटना में 12 लोग जख्मी हो गए थे.

मोहर्रम पर हिंसा

22 जुलाई को दरभंगा में दो पक्ष आमने सामने आ गए. बताया जा रहा है कि मोहर्रम के झंडे लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ और इसी को लेकर बाद में हिंसा भी शुरू हो गई. कहा यह भी जाता है कि मब्बी ओपी इलाके में बाजार समिति चौक के पास एक मंदिर के बाहर मोहर्रम के झंडे लगाने को लेकर बवाल शुरू हुआ था. मंदिर पक्ष ने विरोध किया तो दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. वहां जिला प्रशासन के अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत किया. इस मामले में दोनों तरफ से ईंट और पत्थर चलाए जाने के आरोप लगाए गए थे पर पुलिस ने किसी भी अफवाह से बचने की सलाह दी थी.

अब बेगुसराय में हिंसा

बुधवार को बिहार की राजनीति में उस समय उबाल आ गया, जब बेगुसराय के बलिया थाना क्षेत्र के बलिया कपूरी चौक पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदाय आमने-सामने आ गए और हिंसक झड़प हुई. उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. कई पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबरें हैं. मौके पर पहुंचे डीएम और एसपी ने हालात संभालने की कोशिश की. आरोप है कि मूर्ति विसर्जन करने जा रहे लोगों पर दूसरे पक्ष ने रोड़ेबाजी कर दी, जिससे तनाव कायम हो गया. उसके बाद ही दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए.

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