Bihar Eduaction : केक पाठक सर! यहां तो एक कक्षा में दो कक्षा लगा लेते हैं लोग
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Bihar Eduaction : केक पाठक सर! यहां तो एक कक्षा में दो कक्षा लगा लेते हैं लोग

Bihar News : बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है और विशेष रूप से पटना जैसे बड़े शहरों में सरकारी विद्यालयों को सुविधाओं से युक्त करने की आवश्यकता है. इस तरह के संकटों का समाधान ढूंढने के लिए सरकारी विभाग को कदम उठाने चाहिए, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके.

Bihar Eduaction : केक पाठक सर! यहां तो एक कक्षा में दो कक्षा लगा लेते हैं लोग

Bihar Eduaction : पटना के गर्दनीबाग में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय है. इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही कमरा है. इस कमरे में 1 से 5 वीं कक्षा के सभी छात्र साथ बैठकर पढ़ते हैं. साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की गिनती भी कम है, क्योंकि यहां केवल 2 शिक्षिकाएं हैं. इन शिक्षिकाओं के पास भी बहुत सी सुविधाएं नहीं हैं, क्योंकि उनके पास केवल एक ब्लैकबोर्ड है. इस ब्लैकबोर्ड को शिक्षिकाएं आधा-आधा बांट लेती हैं, ताकि वे अपने छात्रों को पढ़ा सकें.

स्कूलों के बच्चों का कहना है कि वे दोनों मैडम को एक ही समय में सुनते हैं. आधे ब्लैकबोर्ड पर कक्षा 1 और 2 के बच्चों को मैडम पढ़ा रही है तो वही आधे ब्लैकबोर्ड पर कक्षा 3 से 5 तक के बच्चो को मैडम पढ़ा रही है. इसके परिणामस्वरूप बच्चों का ध्यान अलग-अलग शिक्षिकाओं पर जाता है और यह बच्चों के लिए परेशानी उत्पन्न करता है. जब बच्चे शिक्षिकाओं से इसको लेकर कहते हैं तो वो कहती है कि इसका समाधान नहीं हो सकता, क्योंकि स्कूल में एक ही कमरा है और अधिक कुछ करने की संभावना नहीं है. बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है और विशेष रूप से पटना जैसे बड़े शहरों में सरकारी विद्यालयों को सुविधाओं से युक्त करने की आवश्यकता है. इस तरह के संकटों का समाधान ढूंढने के लिए सरकारी विभाग को कदम उठाने चाहिए, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके.

इसके अलावा शिक्षकों को भी उनकी सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है, ताकि वे अधिक सहयोगी हो सकें और बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें. बच्चों की शिक्षा का महत्व है और उन्हें उनके उत्तरजीवन के लिए उचित सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए. साथ ही सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता है ताकि विद्यालयों को आवश्यक वस्त्र, किताबें और अन्य सामग्री प्राप्त हो सके. इससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा और बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ सकेंगे.

इनपुट- निषेद कुमार

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