NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के द्वारा जुलाई अगस्त और सितंबर में किसी प्रकार से नदी से बालू के खनन पर रोक है, बावजूद इसके माफिया एनजीटी के बनाए गए नियमों को ताक पर रखकर बालू खनन गैरकानूनी तरीके से करने में जुटे हुए हैं.
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Patna: सोन नदी से बालू की लूट निरंतर जारी है. जबकि NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के द्वारा जुलाई अगस्त और सितंबर में किसी प्रकार से नदी से बालू के खनन पर रोक है, बावजूद इसके माफिया एनजीटी के बनाए गए नियमों को ताक पर रखकर बालू खनन गैरकानूनी तरीके से करने में जुटे हुए हैं. आलम ये है कि इन माफियाओं को कानून का भय तक नहीं है. वहीं, खनन विभाग और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है.
बालू माफिया ने इस खेल में बालू उठाव को लेकर जेसीबी और पोकलेन मशीन को भी नदी में उतार दिया है. जानकारी के अनुसार, सोन नदी से रोजाना हजारों की संख्या में नाव पर जेसीबी के द्वारा बालू लोड किया जाता है, जिसे बिहार और उत्तर प्रदेश के जिलों में नदी के रास्ते ले जाकर मनमाफिक दरों पर बेचा जाता है. जिस वजह से सरकार को प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जबकि इस पर कार्रवाई करने वाला कोई भी नहीं है. बालू माफिया के खिलाफ सरकार ने कड़ा फैसला भी लिया है, लेकिन सरकार के द्वारा लिया गया फैसला इनके लिए शून्य के बराबर है.
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जानकारी के अनुसार, NGT ने बालू खनन पर रोक लगाई है, बावजूद सोन नदी में प्रतिदिन अवैध खनन किया जा रहा है. दिनदहाड़े हो रही इस अंधेर गर्दी पर पुलिस और खनन विभाग दोनों मुकदर्शक बने हुए हैं. सरकार को इससे करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब सवाल उठना लाजिमी है.
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