Bihar Land Survey: लैंड सर्वे में जरा सी चूक से हो सकती है बड़ी गड़बड़ी, दाखिल-खारिज के लिए चाहिए ये जरूरी कागजात
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Bihar Land Survey: लैंड सर्वे में जरा सी चूक से हो सकती है बड़ी गड़बड़ी, दाखिल-खारिज के लिए चाहिए ये जरूरी कागजात

Bihar Land Survey: सर्वे का काम पूरा होने के बाद 30 दिनों के अंदर जमीन के नक्शे का निर्धारण और ग्राम सीमा का सत्यापन किया जाएगा. सर्वे की स्थिति और अपने प्लॉट से जुड़ी जानकारी सर्वे ट्रैकिंग ऐप पर देख सकते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Land Survey: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है और अगले एक साल में पूरा होना है. समयसीमा को देखते हुए प्रदेश के करीब 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे के दौरान रैयत या जमीन मालिकों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज देने होंगे. इन दस्तावेजों का मिलान सरकारी रिकॉर्ड से होगा. मिलान के बाद ही इन दस्तावेजों को अंतिम रूप से अपलोड किया जाएगा. अगर जमा किए गए दस्तावेजों ने नाम, खसरा-खाता संख्या अन्य किसी चीज का मिलान सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड से नहीं होगा, तो उस जमीन के कागजों को अपलोड नहीं किया जाएगा. ऐसी स्थिति में संबंधित व्यक्ति को सूचना दी जाएगी कि वे अपनी जमीन के सही दस्तावेज उपलब्ध कराए. अगर इसके बाद भी उक्त व्यक्ति ने दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए तो जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद नाम पर दर्ज कर दिया जाएगा.

जमीन स्वामित्व के लिए ये प्रमाण जरूरी

जमीन की प्रकृति के आधार पर तीन तरह के साक्ष्य मान्य होंगे। पुश्तैनी जमीन के लिए खतियान, खरीदी गई जमीन के लिए रजिस्ट्री और सरकार से मिली हुई जमीन के लिए पर्चा या बासगीत पर्चा मान्य होगा. अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं है, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर दाखिल-खारिज नहीं हुई है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन के लिए इसमें से कोई भी एक दस्तावेजी प्रमाण देना आवश्यक होगा. जिससे यह साबित हो कि वह जमीन उसकी है. अगर जमीन से संबंधित कोई कागजात नहीं है तो लोगों को सर्वे कराने से पहले अपनी जमीन के कागजी प्रमाण जुटा लेने चाहिए.

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छोटी सी भूल पड़ सकती है भारी

इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वंशावली के साथ साथ रैयत को खतियानी जमीन से सबंधित प्रमाण पत्र के अलावे खुद की घोषणापत्र देने की आवश्यकता है, जिससे जमीन के सही हिस्सेदार की भूमि का सर्वे हो सके. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कर्मियों को भूमि संबंधित कागजात मांगने पर रैयती किसान अपना दस्तावेज निश्चित रूप से दिखाएं. वरना जमीन सर्वे में गड़बड़ी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें थोड़ी सी लापरवाही भविष्य में मुसीबत बन सकती है. सर्वे में मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए जिस कागजात की आवश्यकता है, उसे तैयार कर लें. साथ ही जमीन के कागजात में किसी तरह का त्रुटि हो तो अंचल कार्यालय और राजस्व कर्मचारी से सम्पर्क कर उसमें सुधार करा लें.

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