बिहार विधानसभा में खुला कोरोना नियंत्रण कक्ष, संक्रमितों को इस तरह से मिलेगी मदद
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बिहार विधानसभा में खुला कोरोना नियंत्रण कक्ष, संक्रमितों को इस तरह से मिलेगी मदद

Bihar Corona News: बिहार विधानसभा के मुख्य भवन में सभा कक्ष से सटा नियंत्रण कक्ष खोला गया, जहां पदाधिकारियों, कर्मचारियों को लगाया गया है.

बिहार विधानसभा में खुला कोरोना नियंत्रण कक्ष.

Patna: बिहार विधानसभा में मंगलवार से कोरोना नियंत्रण कक्ष खुल गया है. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसकी पहल की. उनके अनुसार यह नियंत्रण कक्ष विधायकों, पूर्व विधायकों के द्वारा सूचित कोरोना संक्रमण समस्या का त्वरित निष्पादन के लिए सम्बंधित विभाग या एजेंसी से बात करके समस्या दूर करने का प्रयास करेगा. 

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 'यह एक लम्बी लड़ाई है और इसमें हर किसी की भूमिका महत्वपूर्ण है, सबके समेकित प्रयास से ही इस सुनामी से निजात पाया जा सकता है. कोरोना संक्रमण ने सुनामी का रूप ले लिया है, लिहाजा इसे परास्त करने के लिए कड़े प्रयास करने होंगे.'

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बता दें कि बिहार विधानसभा के मुख्य भवन में सभा कक्ष से सटा नियंत्रण कक्ष खोला गया, जहां पदाधिकारियों, कर्मचारियों को लगाया गया है. साथ ही चिकित्सको से परामर्श का लाभ भी लिया जा सकता है. नियंत्रण कक्ष के लिए एक नंबर भी जारी किया गया है. 

0612- 2215838 इस फोन नंबर पर कोई भी विधायक या पूर्व विधायक अपनी समस्या बता सकते हैं और उसके निष्पादन के लिए यहां से सम्बंधित जिलों या स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर उचित कदम उठाने सम्बंधित दिशा निर्देश दिया जायेगा और पीड़ित व्यक्ति को भी इसकी सुचना दे दी जाएगी जिससे उसे त्वरित लाभ मिल सके.  

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इस तरह से यह नियंत्रण कक्ष विधायक/पूर्व विधायक और सम्बंधित विभाग के बिच समन्वय का काम करेगा. व्यवहार में देखा गया है कि जब कोरोना संक्रमण को लेकर कोई समस्या आती है तो क्या करें, क्या ना करे की स्थिति आ जाती है और संक्रमण की रफ्तार तेज है. साथ ही संसाधन सिमित है. ऐसे में हॉस्पिटल से लेकर बेड और ऑक्सीजन तक की कमी है.

ऐसे में विधायक और पूर्व विधायकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले विधायक मेवालाल चौधरी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया और व्यवस्था के बिच उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने से लेकर जांच रिपोर्ट तक में समस्या का सामना करना पड़ा था. पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी हाजीपुर के जगन्नाथ राय का निधन भी कोरोना संक्रमण से हो गया और उन्हें भी हॉस्पिटल में बेड के लिए समस्या का सामना करना पड़ा और रेमेडीसीवीर वैक्सीन भी उन्हें उपलब्ध नहीं हो पाया, जिसे उनके परिजन ब्लैक मार्केट में खरीदने को मजबूर हुए. वावजूद इसके उनकी जान को नहीं बचाया जा सका.

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ऐसी परिस्थिति में विधानसभा का कोरोना नियंत्रण कक्ष ना सिर्फ विधायक और पूर्व विधायक बल्कि उनके द्वारा बताए गए किसी समस्या के निष्पादन के लिए काम कर उन्हें उचित मार्गदर्शन और सुविधा मुहैया कराने में मददगार साबित होगा.

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