बाढ़ के घाट पर दाह संस्कार करने पहुंचे एक ही परिवार के दो लोग शव को अग्नि देने के लिए आपस में भिड़ गए, इसी विवाद को लेकर कई घंटों तक शव गांव में ही पड़ा रहा.
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Barh: बिहार के बाढ़ में एक निसंतान सख्स का दर्द उसके मरने के बाद भी कम नहीं हुआ. मरने के बाद उसे अग्नि देने को लेकर परिवार के लोगों ने उसके शव का तमाशा बना दिया. जानकारी के अनुसार, पूरा मामला पंडारक थाना क्षेत्र के लेमुआबाद पंचायत बमपूर गांव का है. यहां उमेश यादव जो कि रिटायर्ड होमगार्ड थे, उनकी मौत गंभीर बीमारी से हो गई.
उमेश यादव का इलाज पटना के IGIMS मे चल रहा था. वहीं, मौत के बाद पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए उनके गोद लिए हुए पुत्र और भतीजे आपस में भिड़ गए. आग देने के लिए परिवारों में विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट तक जा पहुंची.
दरअसल, मृतक उमेश यादव निसंतान थे इसलिए उन्होंने अपने साढू के पुत्र सुजीत कुमार को गोद ले लिया था. सुजीत बचपन से ही अपने मौसा के यहां रहता था और एक बेटे की तरह घर की सारी जिम्मेदारी उठाता रहा. मृतक उमेश यादव जब इलाज के लिए हॉस्पिटल में थे तब भी उनकी देखभाल सुजीत कुमार और उनकी पत्नी ने ही की.
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इधर, उनके निधन के बाद भी सुजीत एक जिम्मेदार बेटे के तौर पर अपने मुंह बोले बाप के पार्थिव शरीर को अग्नि देने पहुंचा लेकिन उमेश यादव के भाई ने उसे ऐसा करने से रोक दिया. उनका कहना था कि आग उनका बेटा यानी उमेश यादव का भतीजा देगा. वहीं, उमेश यादव की पत्नी कुंती देवी ने इस बात से ऐतराज जताते हुए कहा कि आग मेरा गोदपुत्र सुजीत कुमार ही देगा.
इसी विवाद को लेकर कई घंटों तक शव गांव में ही पड़ा रहा. पंचायत भी बैठाई गई लेकिन निदान नहीं हुआ. आखिर में भतीजा और गोद लिया बेटा एक साथ आग देने की बात पर राजी हुए और फिर शव का अंतिम संस्कार किया गया.
(इनपुट- सुनील)