महनार थाना क्षेत्र का है जहां महनार अनुमंडल पदाधिकारी के आवास के पास देर रात कुछ युवक शराब पिक शोरगुल कर रहे थे, इसकी जानकारी थानी एक महिला ने डायल 112 पर दी बावजूद इसके पुलिस घटनास्थल पर देर रात नहीं पहुंची.
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पटनाः बिहार में सरकार लाख शराबबंदी की बात कर रही हो, लेकिन शराबबंदी कानून और शराब से हो रही मौतों का भय लोगों को बिल्कुल भी नहीं है. यही कारण है कि शराब पीने वाले अनुमंडल पदाधिकारी आवास के निकट शराब पार्टी करने पीछे नहीं हटते है. मामला महनार थाना क्षेत्र का है जहां महनार अनुमंडल पदाधिकारी के आवास के पास देर रात कुछ युवक शराब पिक शोरगुल कर रहे थे, इसकी जानकारी थानी एक महिला ने डायल 112 पर दी बावजूद इसके पुलिस घटनास्थल पर देर रात नहीं पहुंची.
शिकायत के बाद पुलिस ने की छापेमारी
स्थानीय महिला ने बताया कि यह किसी एक दिन का खेल नहीं है. यहां पर अक्सर शराब पार्टी होती रहती है. इस संबंध में पहले भी कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन अधिकारी है कि इस पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं थे. बुधवार को आले सुबह जब वहां लोग पहुंचे तब बाकी सभी तो फरार हो चुके थे. एक युवक बेसुध नशे की हालत में पड़ा मिला आसपास में दर्जनों शराब की खाली बोतलें दिखाई दी. इससे प्रतीत हो रहा था प्रत्येक दिल यहां शराब पार्टी होती थी सुबह जब इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. तब पुलिस वहां पहुंची और उस बेसुध पड़े युवक को प्रकार कर अपने साथ अस्पताल ले गई, जहां उसका मेडिकल चेकअप कराया जाएगा और उसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रोक के बाद भी नहीं थम रहा शराबबंदी का सिलसिला
बिहार में सरकार शराबबंदी को रोकने के लिए भले ही नई-नई तरह की कवायद कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर सख्ती ना के बराब हो रही है. शराबबंदी कानून भी भ्रष्टाचार की जकड़ में है. सवाल ये है कि सख्त कार्रवाई के बाद भी बिहार में शराब कहां से पहुंच रही है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. अगल जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो लोग शहरीली शराब पीकर मरते रहेंगे. जरूरी है कि सरकार को शराबबंदी को लेकर नए नियम तैयार करने चाहिए.
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