Chhath Puja 2022: चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में कई तरह के प्रसाद बनाए जाते हैं और कई पूजा सामग्रियां महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन, घाट ले जाने के लिए तैयार किए जाने वाले सूप और डलिया का छठ पर्व में विशेष महत्व होता है.
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Chhath Puja 2022: चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में कई तरह के प्रसाद बनाए जाते हैं और कई पूजा सामग्रियां महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन, घाट ले जाने के लिए तैयार किए जाने वाले सूप और डलिया का छठ पर्व में विशेष महत्व होता है
पटनाः Chhath Puja 2022: दीपावली पर्व के ठीक बाद छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है. यह चार दिवसीय पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है, लेकिन इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि से हो जाती है. इसके बाद आखिरी में सप्तमी तिथि को सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत की समाप्ति होती है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर 2022 से हो रही है, जो 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न होगा.
कई तरह के होते हैं प्रसाद
चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में कई तरह के प्रसाद बनाए जाते हैं और कई पूजा सामग्रियां महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन, घाट ले जाने के लिए तैयार किए जाने वाले सूप और डलिया का छठ पर्व में विशेष महत्व होता है. इसके बिना छठ पूजा अधूरी होती है. इसमें छठ का प्रमुख प्रसाद ठेकुआ से लेकर कई तरह की फल और चीजें शामिल होती हैं. इसके अलावा छठ के प्रसाद वाली डलिया में छह फलों को होना बहुत जरूरी है.
1. चकोतरा नींबू
चकोतरा, डाभ नींबू या अतर्रा नींबू सामान्य नींबू से बड़ा होता है. इसका आकार बहुत बड़ा होता है जिस वजह से इसे पशु-पक्षी नहीं खा पाते हैं. लेकिन ये नींबू छठी मईया को विशेष रूप से पंसद है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए डाभ नींबू या अतर्रा नींबू जरूर चढ़ाना चाहिए. यह नींबू शरीर में ऋतु परिवर्तन के कारण होने वाले एसिड के असंतुलन को ठीक करता है.
2. गन्ना
छठी मईया को गन्ना भी चढ़ाया जाता है. कई लोग गन्ने को चारों तरफ से छाकर, उसमें पूजा करते हैं. मान्यता है कि छठी मईया घर में सुख–समृद्धि लाती है. मान्यता पूरा होने पर गन्ने की विशेष पूजा होती है. इसके साथ ही छठ पूजा में गन्ने से बने गुड़ का प्रसाद भी बनाया जाता है.
3. सुथनी
सुथनी खाने में शकरकंदी की तरह होता है. यह फल बहुत शुद्ध माना जाता है इसलिए छठी मैय्या के डाले में सुथनी को जरूर रखते हैं. सुथनी मिट्टी से निकलता है, इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं.
4. सिंघाड़ा
साफ और शुद्ध होने के कारण छठी माता को सिंघाड़ा भी चढ़ाया जाता है. सिघांड़ा लक्ष्मी जी का भी प्रिय फल माना जाता है. इसे चढ़ाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. यह जल से प्राप्त होता है इसलिए लक्ष्मी माता का भाई भी है. सिंघाड़ा पाचन के लिए बहुत अच्छा है.
5. नारियल
छठ के त्योहार में नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है. छठ पर्व में पवित्रता का बहुत ध्यान रखा जाता है. नारियल को श्री फल माना जाता है, मान्यता है कि इसे चढ़ाने से घर में लक्ष्मी आती हैं.
6. केला
केला भगवान विष्णु का प्रिय फल है. माना जाता है कि इसमें विष्णु जी का वास होता है. छठी मईया को भी केला बहुत पसंद है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए केला चढ़ाया जाता है.