Chhath Puja 2022: कहते हैं श्रद्धा-आस्था की कोई उम्र नहीं होती है. जिस उम्र में बच्चे छठ पर्व में खुशियां व उल्लास मनाते हैं उस उम्र से आदित्य छठ व्रत का कठिन अनुष्ठान कर रहा है.
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आराः Chhath Puja 2022: छठ महापर्व का अनुष्ठान पवित्र नहाय खाय के साथ शुक्रवार को शुरू हो गया. गांव से लेकर शहर तक लोग छठ अनुष्ठान में लगे हैं. अक्सर इस पर्व में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी देखी जाती है लेकिन इसी बीच प्रखण्ड के बिन्दगांवा निवासी रामलखन सिंह का पुत्र आदित्य भी छठ पर्व कर रहा है, लेकिन आदित्य की कहानी थोड़ी अलग है.
4 साल की उम्र से कर रहा है व्रत
कहते हैं श्रद्धा-आस्था की कोई उम्र नहीं होती है. जिस उम्र में बच्चे छठ पर्व में खुशियां व उल्लास मनाते हैं उस उम्र से आदित्य छठ व्रत का कठिन अनुष्ठान कर रहा है.आदित्य पिछले 14 वर्षों से लगातार छठ का कठिन व्रत करते आ रहा है जब वह मात्र चार वर्ष का था. आदित्य कहता है कि 4 नवम्बर को उसका जन्मदिन है. जन्मदिन के समय ही उस समय छठ था तो लोगों से सुना कि जो छठ करता है छठी मइया उसकी सारी मनोकामना पूरी करती हैं.
छठी माता की है विशेष कृपा
जब वह 4 वर्ष का था तभी घर मे हो रहे छठ पर्व को देखकर मन मे इच्छा प्रबल हुई और मैने जिद पकड़ ली. अंततः थकहार कर छठी मइया का कृपा समझ घर के लोगों ने मुझे व्रत में शामिल कर लिया. आज 14 साल से लगातार छठ व्रत कर रहा हूँ. इस बार भी छठी मइया का अनुष्ठान कर रहा हूँ. प्रखण्ड के गंगा और सोन के दोआब में बसे सुदूर बिन्दगांवा गांव के नयाटोला के रहनिहार आदित्य के मातापिता रामलखन सिंह और सत्यभामा देवी बताते हैं कि,छठी मइया की आदित्या पर विशेष कृपा है. चार वर्ष की उम्र से छठ कर रहा आदित्य अब 18 वर्ष का हो गया है लेकिन छठी मइया के प्रति उसकी श्रद्धा अगाध है.
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