Chitragupta Puja: चित्रगुप्त ही हैं जिनकी लेखनी के जरिए ही यह तय होता है कि आत्मा स्वर्ग जाएगी या फिर नर्क के कष्ट झेलेगी.
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पटना: Chitragupta Puja: सनातन परंपरा में चित्रगुप्त महाराज की पूजा का भी विधान है. चित्रगुप्त जी प्राणियों के पाप पुण्य का लेखा जोखा रखते हैं और इसी कर्म चक्र के आधार पर जीवात्मा को फल प्रदान करते हैं. कह सकते हैं कि वह चित्रगुप्त ही हैं जिनकी लेखनी के जरिए ही यह तय होता है कि आत्मा स्वर्ग जाएगी या फिर नर्क के कष्ट झेलेगी.
यमराज के सहायक हैं चित्रगुप्त
हिंदू धर्म में यमराज के खास सहयोगी चित्रगुप्त की पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को की जाती है. इस दिन भाई दूज (Bhai dooj 2022) और यम द्वितीया मनाते हैं. इस साल यम द्वितीया 26 अक्टूबर 2022 (Yam dwitiya 2022 date) को मनाई जाएगी.
कलम दवात की होती है पूजा
पुराणों के अनुसार इस दिन यम देव अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे. वहीं इस दिन मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त की उपासना का विधान है साथ ही लेखनी, दवात और पुस्तकों की भी पूजा होती है.
चित्रगुप्त पूजा का मुहूर्त और दिन
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर आरंभ होगी. द्वितीया तिथि का समापन 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा.
चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 18 - दोपहर 03 बजकर 33 (26 अक्टूबर 2022)
ब्रह्मदेव के मानस पुत्र हैं चित्रगुप्त
चित्रगुप्त ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं. कहते हैं किसी भी प्राणी के पृथ्वी पर जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके कर्मों को अपने पुस्तक में लिखते रहते हैं, उनकी लेखनी के आधार पर ही व्यक्ति को स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है. चित्रगुप्त कायस्थ समाज के ईष्ट देवता माने जाते हैं.
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