मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के हवाले से कहा कि राज्य में छह साल से कम उम्र का हर दूसरा बच्चा कुपोषित है और 45 प्रतिशत बच्चों का वजन सामान्य से कम है.
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Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप राज्य को 312 करोड़ रुपए आवंटित कराने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के हवाले से कहा कि राज्य में छह साल से कम उम्र का हर दूसरा बच्चा कुपोषित है और 45 प्रतिशत बच्चों का वजन सामान्य से कम है. सोरेन ने पत्र में कहा, 'मैं आपका ध्यान 15वें वित्त आयोग द्वारा वित्तवर्ष 2020-21 के लिए की गई अनुशंसा की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं. कुपोषण की गंभीर समस्या पर चर्चा हुई है. इसके मद्देनजर पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत देश के अलग-अलग राज्यों को सामान्य आवंटन के अतिरिक्त 7,735 करोड़ रुपए अलग से आवंटित करने की अनुशंसा की गई है. आयोग ने झारखंड को इस कार्य के लिए 312 करोड़ रुपए अतिरिक्त आवंटित करने की अनुशंसा की है.'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने समिति संसाधन से बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने का फैसला किया है और वह तीन से छह साल के बच्चों को अंडा और इसके समान अन्य प्रोटीन युक्त भोजन पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत देने पर विचार कर रही है.
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य में 11.3 प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं, 40.3 प्रतिशत बच्चों की लंबाई समान्य से कम है. राज्य सरकार ने कुपोषण की समस्या से लड़ने का फैसला किया है.' सोरेन ने पत्र में राज्य की आबादी में बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का होने का भी हवाला दिया है जो कुपोषण का शिकार हैं.
उन्होंने कहा, 'जहां तक राज्य सरकार की जानकारी है तो भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग की वर्ष 2020-21 के लिए की गई अनुशंसा के आधार राज्य को 312 करोड़ रुपए जारी करने का कोई फैसला नहीं किया है. यह राशि मिलने से राज्य को कुपोषण के खिलाफ लड़ने में बहुत मदद मिलेगी.'
सोरेन ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वह महिला और बाल विकास विभाग को आयोग द्वारा वित्तवर्ष 2020-21 के लिए की गई अनुशंसा के आधार पर राशि जारी करने का निर्देश दें.
(इनपुट- भाषा)