Crorepati Tips: महोगनी का पेड़ बहुत ही अधिक कीमती होता है. महोगनी पेड़ के सभी भागों को इस्तेमाल किया जाता है. इससे मिली लकड़ी से लेकर खाल, बीज और पत्तियां तक सभी बाजार में काफी अच्छे दाम पर बिकते हैं.
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Crorepati Tips: आप करोड़पति बनना चाहते हैं तो आपको पेड़ों की खेती करनी चाहिए! पेड़ों की खेती से आपको कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा. इसलिए कमर्शियल पेड़ों की खेती आप के लिए सही साबित हो सकती है. हालांकि, ये लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट हैं. इसका फयादा लेने के लिए आपको थोड़ा वक्त देना पड़ता है, लेकिन ये तो तय है कि इससे आप आसानी से करोड़ों रुपए कमा सकते हैं. आइए हम आपको उन पेड़ों के बारे में बताते हैं.
महोगनी पेड़ की खेती
महोगनी का पेड़ बहुत ही अधिक कीमती होता है. महोगनी पेड़ के सभी भागों को इस्तेमाल किया जाता है. इससे मिली लकड़ी से लेकर खाल, बीज और पत्तियां तक सभी बाजार में काफी अच्छे दाम पर बिकते हैं. महोगनी पेड़ को पानी से भी कोई नुकसान नहीं होता है, जिसकी वजह से जहाज, कीमती गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट की वस्तुए और मूर्तियों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
शहतूत के पेड़ की खेती
शहतूत की खेती से रेशम उत्पादन के लिए की जाती है. शहतूत के पेड़ों पर रेशम के कीटों का पाला जाता है. साथ ही शहतूत का फल सेहतमंद भी होता है. शहतूत के फलों से कई तरह की दवाईयां बनाई जाती है. शहतूत के पेड़ लगाकर 3 से 4 साल बाद रेशम कीट पालने लायक हो जाते हैं. इन पेड़ों से आप पत्ती निकाल कर रेशम भी तैयार कर सकते हैं. इसकी सूखी पत्तियों से बत्तख और मुर्गियों के चारा बनाया जा सकता है. शहतूत की लकड़ी का इस्तेमाल खिड़कियों, दरवाजे, फर्नीचर और खेल का सामान बनाया जाता है.
सफेदा पेड़ की खेती
यूकेलिप्टस यानी सफेदा पेड़ की खेती, इस पेड़ को सफेदा या नीलगिरी के नाम से भी जाना जाता है. इस पेड़ को लगाने में कम खर्च आता है. हालांकि, इसका फायदा उसी को मिलता है, जो थोड़ा वक्त देता है. सफेदा पेड़ों को कोई खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है. कई राज्य सरकारें इसकी खेती पर सब्सिडी भी देती है. अगर सफेदा की खेती अच्छे तरीके की जाए तो करोड़ रुपए तक कमाया जा सकता है.
चंदन पेड़ की खेती
चंदन पेड़ की खेती हमेशा से फायदेमंद रही है. यह हमेशा से कमर्शियल पेड़ माना जाता है. इसकी मांग देश-विदेश में भी बड़े स्तर पर रहती है. बाजार में इसकी कीमत काफी ऊंची होती है. चंदन की खेती लगाने में जितना पैसा खर्च होता है, उससे अधिक मुनाफ इसकी खेती से होता है. इस पेड़ की खेती के लिए आठ से दस साल में तैयार होता है. जब ये तैयार हो जाता है तो एक प्यारी सुगंध आना शुरू हो जाती है. तब इस पेड़ को सुरक्षा की जरुरत होती है.
मालाबार नीम पेड़ की खेती
मालाबार नीम कमर्शियल पेड़ फसल है. इससे पैकिंग बॉक्स, क्रिकेट स्टिक, कृषि संबंधित उपकरण, तिल्लियां, छत के तख्तों, स्प्लिंट्स, कट्टामारम, पेन्सिल और फर्नीचर बनाए जाते हैं. साथ ही नाव के आउटरिगर, संगीत वाद्य यंत्र, चाय के बक्से और प्लाईबोर्ड के लिए किया जाता है. इसकी लकड़ियों में दीमक नहीं लगती, जिसकी वजह से मालाबार नीम की लकड़ियां सालों साल सुरक्षित रहती हैं. मार्केंट में इसकी लकड़ियों की कीमत करीब 500 से 550 रुपए क्विंटल तक होती है.