सरकारी आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के हैं, जबकि हकीकत यह है कि निजी अस्पतालों में भी काफी संख्या में बुखार से पीड़ित मरीज उपचार करा रहे हैं, जिसमें डेंगू के संदिग्ध लक्षण हैं. कई मरीज घर में ही रहकर इलाज करा रहे हैं.
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पटना: बिहार में छठ पर्व के गुजरने के बाद डेंगू मरीजों की संख्या में भले कमी आई हो लेकिन अभी भी डेंगू का कहर जारी है. पटना सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में डेंगू मरीज मिल रहे हैं. इस साल सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो डेंगू ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
एक साथ इतने डेंगू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में हैं. बताया जाता है कि डेंगू के मरीज मिलने के बाद उसके घरों के आसपास एंटी लार्वा की फॉगिंग कराई जा रही है.
सरकारी आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के हैं, जबकि हकीकत यह है कि निजी अस्पतालों में भी काफी संख्या में बुखार से पीड़ित मरीज उपचार करा रहे हैं, जिसमें डेंगू के संदिग्ध लक्षण हैं. कई मरीज घर में ही रहकर इलाज करा रहे हैं.
पटना जिले में डेंगू बीमारी का प्रकोप इतना अधिक है कि इसने अपना बीते छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 2016 से 2021 के बीच वर्ष 2019 में 2905 मरीज मिले थे, जिसका रिकॉर्ड जिले में 10 दिन पहले ही टूट चुका है. अब तक जिले में 5529 डेंगू के नये मरीज मिल चुके हैं.
एक अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में भी पटना जिले में रोजाना 100 से अधिक नये मरीज चिह्न्ति किये जा रहे हैं. पटना के अस्पतालों पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में अभी भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं.
पटना के सिविल सर्जन डॉ के के राय का कहना है कि वर्तमान में डेंगू के मामले मिल रहे हैं, लेकिन संख्या में अब कमी आ रही है. चिकित्सकों का मानना है कि मौसम में ठंडक के बढ़ने के बाद मरीजों की संख्या में कमी आयेगी.
(आईएएनएस)