Bullet Train Track: आम रेलवे ट्रैक की तुलना में बुलेट ट्रेन का ट्रैक कितना अलग होता है, क्या होती है इसकी खासियत
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Bullet Train Track: आम रेलवे ट्रैक की तुलना में बुलेट ट्रेन का ट्रैक कितना अलग होता है, क्या होती है इसकी खासियत

Bullet Train In India: भारत में लोग जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन की सवारी करेंगे, क्योंकि भारत सरकार ने शिनकानसेन बुलेट ट्रेन को चाइनीज बुलेट ट्रेन पर वरीयता दी थी.  मुंबई और अहमदाबाद रूट के बाद दिल्ली से हावड़ा वाया पटना बुलेट ट्रेन का निर्माण किया जाएगा. 

शिनकानसेन बुलेट ट्रेन (File Photo)

Delhi Howrah Bullet Train Via Patna: भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर जोर शोर से काम चल रहा है. सबसे पहले मुंबई से अहमदाबाद के बीच में बुलेट ट्रेन ट्रैक ​का निर्माण किया जा रहा है, ​जो अगले 2 साल में तैयार हो सकता है. दूसरा प्रोजेक्ट दिल्ली से हावड़ा के बीच बनने वाला है. उसको लेकर भी सर्वे का काम शुरू होने वाला है. दिल्ली से चलकर यूपी और बिहार होते हुए बुलेट ट्रेन हावड़ा के लिए जाएगी. आज हम आपको बताएंगे कि बुलेट ट्रेन कैसे नॉर्मल ट्रेन से अलग है और इसके ट्रैक और भारतीय रेलवे के ट्रैक में क्या अंतर होता है. 

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मुंबई अहमदाबाद के बीच चलने वाले बुलेट ट्रेन वाला प्रोजेक्ट 2026 में पूरा हो सकता है और उसी साल बुलेट ट्रेन का परिचालन भी हो सकता है. बताया जा रहा है कि मुंबई से अहमदाबाद वाले रूट पर शिनकानसेन ई 5 सीरिज की बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी, जिसका अगला हिस्सा 15 मीटर लंबा होता है. इसकी स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जाती है और इसके सफर के बारे में कहा जाता है कि यह सबसे सुरक्षित यात्रा का अहसास कराता है. हालांकि यह ट्रेन आम भारतीय रेलवे ट्रैक पर नहीं चल सकती. इसलिए इसके लिए अलग से ट्रैक बिछाया जा रहा है. 

भारत में बुलेट ट्रेन के लिए पहली बार मॉर्डन तकनीक वाले बैलास्टलेस ट्रैक बन रहे हैं. गिट्टी रहित यह ट्रैक बनाने के पीछे तर्क यह है कि इससे ट्रेन की गति में स्थिरता आती है. इस ट्रैक के मुख्य रूप से 4 हिस्से होते हैं. सबसे पहले वायाडक्ट पर आरसी ट्रैक, उसके बाद सीमेंट अस्फाल्ट मोर्टार, प्री कास्ट ट्रैक स्लैब और फास्टनिंग डिवाइस शामिल हैं. यह विशेष प्रकार का ट्रैक गुजरात में बनाया जा रहा है. 

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बता दें कि भारत में जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन की सवारी करने को मिलने वाली है. भारत ने चीन की बुलेट ट्रेन के बदले जापान के शिनकानसेन पर भरोसा किया था. जापान में बुलेट ट्रेन का उद्घाटन 1964 में हुआ था और 2010 तक बुलेट ट्रेन से 4.9 बिलियन यात्री सफर कर चुके थे.

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