Bihar Flood : बाढ़ से बर्बादी की टेंशन खत्म! नुकसान बताइए सरकार से पैसे लीजिए
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Bihar Flood : बाढ़ से बर्बादी की टेंशन खत्म! नुकसान बताइए सरकार से पैसे लीजिए

Bihar Flood: गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है. बाढ़ की स्थिति तब मानी जाती है जब किसी इलाके में लगातार तीन दिन तक 3 फीट से अधिक पानी जमा हो जाता है. इसके बाद ही बाढ़ राहत शिविर से मदद मिलेगी.

Bihar Flood : बाढ़ से बर्बादी की टेंशन खत्म! नुकसान बताइए सरकार से पैसे लीजिए

Bihar Flood News: भागलपुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पानी कई घरों में भी घुस गया है, जिससे लोग परेशान हैं. हालांकि, अब तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. राहत शिविर कब लगाए जाएंगे और राहत देने के लिए क्या नियम होते हैं, आइए जानते हैं.

राहत शिविर कब लगते हैं और मुआवजा कैसे मिलता है?
जिलाधिकारी नवल चौधरी ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और प्रशासन तैयारी में है. बाढ़ की स्थिति तब मानी जाती है जब किसी इलाके में तीन दिन तक लगातार 3 फीट से अधिक पानी भर जाता है. इसके बाद ही बाढ़ राहत शिविर की मदद की जाती है. फिलहाल जिले में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है. बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना होता है. घर या संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी नगर पालिका या पंचायत को दें. आमतौर पर प्रशासन बाढ़ या बारिश से हुए नुकसान का सर्वे करता है. इस दौरान सरकारी अधिकारी घर-घर जाकर नुकसान का आकलन करते हैं और उसके फोटो और वीडियो भी बनाते हैं. ये रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी जाती है, जो फिर राज्य सरकार को भेजी जाती है. राज्य सरकार से मिलने वाले राहत पैकेज की रकम प्रभावित परिवारों में बांटी जाती है.

बाढ़ पीड़ित कैसे जीवन यापन करते हैं?
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ के दौरान जीवन यापन बहुत कठिन होता है. लोग किसी तरह समय बिता लेते हैं, लेकिन जानवरों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि उन्हें न तो खाने का चारा मिलता है और न ही रहने की जगह. कई लोग भागलपुर के हवाई अड्डा, विश्वविद्यालय या अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लेते हैं. भागलपुर के बिंद टोली, सबौर और बाबूपुर इलाके में बाढ़ का पानी भर चुका है. लोग धीरे-धीरे अपने सामानों को ऊंचे स्थानों पर ले जा रहे हैं. यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो अगले दो दिनों में पूरा क्षेत्र जलमग्न हो सकता है.

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