Bihar News : नकली जीएसटी चालान की पहचान के लिए आपको आपूर्तिकर्ता या दुकानदार से मिलने वाले 15 अंकों के जीएसटीआईएन नंबर को समझना होगा.
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GST Bill Verify: सरकार ने टैक्स प्रणाली को आसान बनाने के लिए वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) शुरू की. अब जीएसटी भी धोखेबाजों के लिए चोरी का एक साधन बन गई है. दरअसल, जीएसटी चालान एक आदान-प्रदान दस्तावेज है जो आपूर्तिकर्ता या विक्रेता द्वारा तैयार किया जाता है और यह वस्तुओं और सेवाओं की खरीदार की जानकारी प्रदान करता है. इसमें खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की विवरण, आपूर्तिकर्ता का विवरण, खरीद की तारीख, छूट आदि शामिल होते हैं.
बता दें कि नकली जीएसटी चालान का मतलब है कि वस्तुओं या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति नहीं हुई है, लेकिन इस पर जीएसटी भुगतान किया जा रहा है. इससे टैक्स चोरी, आयकर क्रेडिट को नकदी में बदलना, फर्जी खरीदारी और मनी लॉन्ड्रिंग का साधन हो सकता है. नकली जीएसटी चालान की पहचान के लिए आपको आपूर्तिकर्ता या दुकानदार से मिलने वाले 15 अंकों के जीएसटीआईएन नंबर को समझना होगा. जीएसटीआईएन में पहले दो अंक राज्य कोड को दर्शाते हैं, अगले दस अंक विक्रेता या आपूर्तिकर्ता का पैन नंबर हैं, 13वां अंक राज्य में उसी पैन धारक की इकाई संख्या है. जीएसटीआईएन में 14वां अंक 'Z' अक्षर है, और 15वां अंक 'चेकसम अंक' है.
साथ ही चेक करने का एक और तरीका है जीएसटी की आधिकारिक वेबसाइट https://www.gst.gov.in/ पर जाना, वहां 'टैक्सपेयर सर्च' विकल्प पर क्लिक करके जीएसटीआईएन की जांच कर सकते हैं. 'जीएसटीआईएन द्वारा खोजें' का विकल्प चुनें और सर्च बॉक्स में जीएसटीआईएन दर्ज करें. इस प्रक्रिया के बाद आपको पूरा डिटेल वेबसाइट पर दिखाया जाएगा.
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