पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे पर केंद्र के हलफनामे ने राजद-जद यू की हवा निकल गई है. इसके अलावा उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
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Patna: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सेंसस (जनगणना) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को संशोधित शपथ देकर केंद्र सरकार में बिहार में जातीय सर्वे का मार्ग प्रशस्त कर दिया और साथ ही राजद-जदयू के मनगढ़ंत आरोपों की हवा निकाल दी.
राज्यसभा सांसद सुशील मोदीने कहा कि राजद-जदयू का नेतृत्व उम्मीद कर रहा था कि केंद्र सरकार बिहार में हुए जातीय सर्वे का विरोध करेगी, जिससे भाजपा और केंद्र सरकार को जातीय सर्वे के बहाने पिछड़ा-विरोधी बताने का इन्हें मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा कि बिल्लियों के भाग्य से छींका नहीं टूटा और केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि सेंसस (जनगणना) कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जातीय सामाजिक-आर्थिक सर्वे राज्य सरकारें भी करा सकती हैं.
· जातीय सर्वे पर हलफनामा देकर केंद्र ने विरोधियों की हवा निकाली
· भाजपा बिहार में सर्वे के पक्ष में, सेंसस (जनगणना) केंद्र का अधिकार
· राजद-जदयू की मंशा पर पानी फिरा, केंद्र ने नहीं किया सर्वे का विरोध
· पटना हाईकोर्ट ने भाजपा के मत की पुष्टि की थी, सर्वे कराने का दिया था आदेश
·…— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 29, 2023
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से 17 विंदुओं पर जो आँकड़े जुटाये जा रहे हैं, वह सर्वे है, जनगणना नहीं. उन्होंने कहा कि यही बात पटना हाई कोर्ट ने भी कही कि राज्य को सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जनगणना करने का नहीं.
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने ने कहा कि भाजपा ने बिहार में अपने रुख के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट की तरह जल्द ही जातीय सर्वे के समर्थन में अपना फैसला सुनाएगा. हम कभी इसके विरुद्ध नहीं रहे.