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शेखपुरा:Bihar Monsoon: बिहार में बारिश कम होने की वजह से धान की रोपनी काफी प्रभावित हुई है. कई जिलों में औसत से कम धान की रोपनी हुई है. वहीं शेखपुरा जिले में भी धान की रोपनी लक्ष्य से 47 प्रतिशत कम हुई है. 21 अगस्त तक यहां महज 57% धान की रोपनी हो सकी है. इसके अलावा बारिश कम होने के चलते किसानों द्वारा लगाए गए फसल को बचाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
53 % धान की रोपनी
छिटपुट बारिश के बीच किसानों द्वारा 53 % धान की रोपनी किया गया है. जबकि अगस्त माह में 299 मिलीमीटर बारिश के विरुद्ध मात्र 83 मिलीमीटर बारिश होने से खेतों मे लगे धान के फसल अब सूखने लगा है. खेतों में दरारे फटने लगी है. किसानों का कहना है कि जुलाई के शुरुआत में कुछ बारिश होने से किसानों अपनी सारी पूंजी धान की फसल में लगा दिया है. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण किसान का पूरा लागत लगा चुके। लेकिन अब मौसम की बेरुखी से किसान काफी चिंतित हैं. किसानों की मानें तो खेत जुताई, मजदूरों का मजदूरी, पटवन,खाद सहित अन्य चीजों में पूरा पूंजी लगा दिया. लेकिन अब बारिश नहीं होने से किसान काफी परेशान हैं.
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23 हजार हेक्टेयर पर धान रोपनी का लक्ष्य
सरकारी आंकड़ों की मानें तो अगस्त महीने में औसतन 299 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान था. लेकिन अभी तक महज 83 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं जिले में 23 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन कम बारिश के कारण पूरे जिले में महज 53 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो सका है. धान की रोपनी सबसे ज्यादा घाट कुसुभा प्रखंड में हुआ है. यहां 100% के आसपास धान की रोपनी हुई है. जबकि शेखोपुर सराय में 80%, शेखपुरा सदर में 64% और अरियरी एवं बरबीघा में 40% रोपनी हुई है. धान की सबसे कम रोपनी चेवाड़ा में 30 प्रतिशत खेतों में हुई है. ऐसे में किसान लगातार जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं. ताकि सरकार की ओर से किसानों से कुछ मदद मिल सके. गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 अगस्त को सड़क मार्ग से सूखाग्रस्त क्षेत्र का दौरा के दौरान शेखपुरा जिला पहुंचे थे. जहां मुख्यमंत्री द्वारा बरबीघा प्रखंड के लालू नगर के पास फसलों का मुआयना किया गया था और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिया था.